पंजाब/यूटर्न/14 जुलाई: कपूरथला में एक नाबालिग लडक़ी से सामूहिक दुष्कर्म मामले में थाना सिटी में रिमांड पर चल रहे एक आरोपी के संदिग्ध हालात में जखमी होने का मामला सामने आया है। डीएसपी के अनुसार आरोपी सुबह बाथरूम में स्लिप होकर गिरने से जखमी हुआ है, जबकि एसएमओ के अनुसार युवक की बाजू पर जखम चोट के नहीं हैं। अस्पताल में परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उनके बेटे पर नाजायज मामला दर्ज होने के कारण वह सदमे में है। आरोपी की मां ने सिविल अस्पताल में उपचार करवाने आई पुलिस की गाड़ी के आगे लेटकर विरोध भी जताया। एक सप्ताह पहले एक छात्रा की मां ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि उसकी नाबालिग बेटी से 8-10 युवकों ने सामूहिक बलात्कार किया है और शहर के एक नामचीन निजी स्कूल के बाथरूम में उसकी अश्लील वीडियो भी बनाई थी। पुलिस ने नाबालिग लडक़ी की मां की शिकायत पर कार्रवाई करते आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी और तीन युवकों को हिरासत में भी लिया था। पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए आरोपियों के परिजनों ने पुलिस पर धक्केशाही के आरोप लगाते हुए थाने का घेराव भी किया गया था। वहीं, इस मामले में काबू किए तीन युवकों को अदालत में पेश किया गया, जहां से एक नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह में भेज दिया था तथा अन्य दो आरोपी पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं। इनमें से एक युवक को शनिवार की सुबह जखमी हालात में सिटी पुलिस की ओर से इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया।
जहां उपचार के बाद जब उसे वापस ले जाया जाने लगा तो उसके परिवार सदस्यों ने यह कह कर विरोध किया कि उनके बेटे को गलत ढंग से फंसाया गया है। इसी के चलते जखमी आरोपी की मां पुलिस की निजी गाड़ी के आगे लेट गई और विरोध करने लगी। परिवार का आरोप है कि युवक पर गलत मामला दर्ज होने के कारण वह सदमे में है और इसी सदमे के कारण उसने अपनी बाजू को काटने को कोशिश की है। वहीं, उसने मां से लिपटकर रोते हुए कहा कि उसने कुछ नहीं किया है। एसएमओ डा. संदीप धवन ने बताया कि ड्यूटी डाक्टर की ओर से युवक का इलाज कर दिया गया है। उसकी बाजू पर सात टंके लगे हैं। यह कोई चोट के जखम नहीं है। अब उसकी हालत ठीक है। वहीं, डीएसपी सब-डिवीजन हरप्रीत सिंह ने बताया कि उक्त आरोपी सुबह बाथरूम गया था। जहां उसका पैर स्लिप हो गया, जिससे उसको चोट लग गई। युवक का सिविल अस्पताल में उपचार करवा दिया गया है।
‘मैं नहीं कुछ कीत्ता, मैंनूं नाजायज फंसा रहे ने’
सिविल अस्पताल में पुलिस की निजी गाड़ी के आगे मां के लेटने के बाद जब आरोपी मां के पास आया तो फूट-फूटकर दोनों मां-बेटे रोने लगे। आरोपी बार-बार यहीं बोल रहा था कि ‘मैं, नहीं जाना…मैं नहीं कुछ कीत्ता, मैंनूं नाजायज फंसा रहे ने।
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