गुरुग्राम 16 Nov : गुरुग्राम की तेज़ी से बढ़ती जीवनशैली और आसमान छूती महंगाई अब अंतरराष्ट्रीय महानगरों को टक्कर दे रही है। हाल ही में एक निवेश बैंकर ने बताया कि गुरुग्राम में रहने का खर्च अब सैन फ्रांसिस्को और दुबई जैसे शहरों के स्तर पर पहुँच चुका है। उनका कहना है कि 70 लाख रुपये वार्षिक पैकेज (LPA) होने के बावजूद अधिकांश युवा पेशेवरों को खुद को मिडिल क्लास ही महसूस होता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इसके पीछे तीन बड़े कारण हैं—पहला, गुरुग्राम के पॉश इलाकों में किराए लगातार बढ़ रहे हैं और प्रीमियम सोसाइटियों में 50–70 हजार रुपये प्रतिमाह तक देना आम हो गया है। दूसरा, जीवनशैली खर्च जैसे कैफ़े, जिम, को-वर्किंग स्पेस और ट्रांसपोर्ट पर प्रति माह भारी खर्च हो जाता है। तीसरा, उच्च वेतन पाने वाले भी EMI, निवेश, टैक्स और सेविंग के दबाव के कारण वास्तविक हाथ में आने वाली आय कम महसूस करते हैं।
उद्योग जानकारों का मानना है कि तेज़ी से विकसित हो रही कॉर्पोरेट कल्चर और हाई-एंड सुविधाओं की उपलब्धता ने गुरुग्राम को भारत का सबसे महंगा शहरी केंद्र बना दिया है। परिणामस्वरूप, लाखों कमाने वाले युवा भी खुद को वित्तीय रूप से सीमित महसूस करने लगे हैं।





