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हरियाणा और पंजाब में पाक-प्रदूषण की बढ़ेगी घुसपैठ

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‘यूटर्न टाइम’ ने किया था आगाह, लाहौर का एक्यूआई 1700 तक पहुंचा, लाकडाउन लागू, भारत भी होगा प्रभावित !

चंडीगढ़ 5 नवंबर। पाकिस्तान में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण हरियाणा और पंजाब की हवा खराब करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दो दिन पहले लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि एक्यूआई 1700 के आसपास था। यहां काबिलेजिक्र है कि दो नवंबर को ‘यूटर्न टाइम’ ने अपने संपादकीय लेख में इस ज्वलंत समस्या के प्रति लोगों को आगाह किया था। हालात बदतर होने की वजह से लाहौर में ग्रीन-लॉकडाउन लागू हो चुका है, जिसका असर देर-सबेर भारत के सीमावर्ती इलाके में देखने को मिल सकता है।

चिंताजनक पहलू यह है कि मंगलवार 5 नवंबर की सुबह भी लाहौर का एक्यूआई 666 दर्ज किया गया। जिसे माहिर कम चिंताजनक नहीं मानने हैं। अगर हवा का रुख बदलता है तो भारत के दोनों सीमावर्ती राज्यों पंजाब और हरियाणा में प्रदूषण संबंधी दिक्कत बढ़ेगी। दिवाली के बाद दोनों ही राज्यों के अधिकतर शहरों की हवा जहरीली हो गई है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत के साथ आंखों में जलन की समस्या हो रही है। हरियाणा में फतेहाबाद और हिसार सबसे प्रदूषित शहर हैं। जहां एक्यूआई 500 तक पहुंच गया है। राज्य के 8 शहरों का एक्यूआई 400 से ऊपर है। हालांकि पंजाब में अमृतसर और लुधियाना में प्रदूषण में सुधार देखने को मिला है। अमृतसर जो एक दिन पहले देश का सबसे प्रदूषित शहर था, वहां एक्यूआई 200 से भी नीचे आकर 188 पर पहुंच गया है। इसी तरह लुधियाना का एक्यूआई 184 दर्ज किया गया। लेकिन चंडीगढ़, जालंधर, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़ और पटियाला में एक्यूआई अभी भी 200 के पार है।

जानकारी के मुताबिक हवा चलने से प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, लेकिन रात में आगजनी की घटनाओं और उद्योगों से निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। दिन में ट्रैफिक जाम और सड़कों से उड़ने वाली धूल प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही है। पिछले 24 घंटों में हरियाणा में पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया। जबकि पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को खेतों में आग लगने की केवल 13 घटनाएं दर्ज की गईं।

दिल्ली में प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पंजाब और हरियाणा को पिछले 10 दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं का विवरण पेश करने के लिए 14 नवंबर तक शपथ पत्र दाखिल करना होगा। वहीं, पंजाब सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए उन्हें केंद्र की ओर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया।

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