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डिस्ट्रिक्ट लेवल एडवाइजरी कमेटी में हलवाइयों की पैठ, जहां शेर और बकरी एक ही घाट पर पीते हैं पानी

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लुधियाना 14 अक्टूबर :  डेजिग्नेटिड अफसर फूड सेफ्टी कार्यालय सिविल सर्जन लुधियाना के तत्वाधान में बनी डिस्ट्रिक्ट लेवल एडवाइजरी कमिटी एक ऐसा घाट बन गया है जहां शेर और बकरी एक ही जगह पर पानी पीते हैं गौर तलब है कि एक तरफ स्वास्थ्य विभाग का फूड विंग इस कमेटी की देखरेख करता है इसमें सिविल सर्जन को वाइस चेयरपर्सन, सदस्यों में सुपरिटेंडेंट सुपरीटेंडेंट आफ पुलिस, जिला एग्रीकल्चर अफसर, जिला फूड एंड सप्लाई ऑफसर, डिस्टिक इंडस्ट्री एंड कॉमर्स के जनरल मैनेजर, जिला शिक्षा अधिकारी, डिस्टिक अफसर वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट डिपार्मेंट, जबकि फूड सेफ्टी एंड न्यूट्रिशन की ओर की तरफ से वेरका मिल्क प्लांट के जनरल मैनेजर तथा एक तेल मिल्क निर्देशक जबकि फूड बिजनेस के प्रतिनिधि के तौर पर एक बेकरी के मालिक तथा पंजाब हलवाई संगठन के प्रधान  को शामिल किया गया है इसके अलावा कंजूमर ऑर्गनाइजेशन से दो प्रतिनिधियों  को इस कमेटी में शामिल किया गया है शहर में इस बात की चर्चा है कि हलवाई संगठन के पंजाब के प्रधान को सिफारिश के आधार पर शामिल किया गया है जबकि जिला स्तरीय कमेटी में जिला प्रधान को शामिल किया जाना चाहिए था बताया जाता है कि हलवाइयों, बेकरी मालिकों तथा अन्य फूड बिजनेस का कार्य कर रहे लोगों में प्रधान की अच्छी पेठ है और उतने ही अच्छे रिश्ते उसके फूड विंग के अधिकारियों के साथ बताए जाते हैं संक्षेप में कहे तो लोग इसे शेर और बकरी का एक घाट पर पानी पीने की संज्ञा दे रहे हैं क्योंकि ऐसी चर्चाएं आम है कि जब भी हलवाइयों पर कोई संकट आता है तो संगठन के प्रधान संकट मोचन का काम करते हैं फिर बात स्वास्थ्य अधिकारियों से करनी हो या मंत्री से पंजाब के प्रधान अपने ओहदे का अच्छा इस्तेमाल कर लेते हैं वैसे आज तक पंजाब हवाई संगठन ने अपने सदस्यों की सूची जारी नहीं की जबकि पंजाब में हलवाइयों की संख्या सैकड़ो में नहीं हजारों में बताई जाती है एक फुड बिजनेस ऑपरेटर ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया वैसे तो हलवाइयों के संगठन में एकता कहीं दिखाई नहीं देती परंतु जब संकट की घड़ी आती है तो सब इकट्ठे हो जाते हैं जबकि दूसरी ओर हलवाई संगठन में जिला स्तरीय संगठन का पदभार एक भाई ने संभाल रखा है तो पंजाब हलवाई संगठन का पद दूसरे भाई ने संभाल रखा है लोग यह भी मानते हैं कि इन भाइयों की प्रशासन में अच्छी पेठ होने के कारण हलवाइयों के सैंपल कम ही भरे जाते हैं या ऐसे समय में भरे जाते हैं जबकि त्यौहार बिल्कुल निकट हो और सैंपल की रिपोर्ट त्यौहार के बाद आए ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि शहर में चल रही चर्चाओं को शांत करने के लिए शेर और बकरी का एक घाट पर पानी पीना जैसी कहावत को समाप्त कर देना चाहिए ताकि कहीं भी लोगों की सेहत के हितों की संभावना से भी समझौता न हो सके

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