एलओसी अमन सेतु पर 6 साल बाद मिलीं भारतीय-पाकिस्तानी सेनाएं

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

चिंताजनक, दोनों मुल्कों में तनाव के बाद से बंद पड़ा है यह ‘अमन का पुल’

भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर बना ‘कमान अमन सेतु’ छह साल बाद हाल ही में खोला गया। दरअसल सीमा पार से दो शवों वापस लाने के लिए इसे खोला गया।

कश्मीर के बारामूला ज़िले के उरी इलाक़े के एक लड़के और लड़की की झेलम नदी में डूबने से मौत हो गई थी। जिसके बाद दोनों के शव बहकर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर पहुंच गए थे।

यहां काबिलेजिक्र है कि ‘कमान अमन सेतु’ बारामूला के उरी इलाक़े में एलओसी पर स्थित है। इसके एक ओर भारतीय सेना तैनात है तो दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना मुस्तैद रहती है। लड़का और लड़की के शव तेज़ बहाव की वजह से पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर पहुंच गए. वहां कई दिनों की तलाश के बाद दोनों के शव मिले। शवों को भारत लाने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत हुई। ऐसे में छह साल से बंद पड़े ‘कमान अमन सेतु’ को खोलने का फ़ैसला लिया गया। इसी पांच मार्च को कश्मीर के उरी इलाक़े में एक लड़का और लड़की झेलम नदी में डूबने के बाद लापता हो गए थे। स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ़ की टीम ने कई दिनों तक दोनों की तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।

बाद में पता चला कि दोनों के शव तेज़ बहाव में बहकर नियंत्रण रेखा पार पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर पहुंच गए थे। दोनों की पहचान 22 साल के यासिर हुसैन शाह और 21 साल की आयशा बानो के तौर पर हुई। आयशा बानो का शव पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के चिनारी सैक्टर में मिला> स्थानीय लोगों की सूचना पर वहां के प्रशासन ने शव बरामद किया। इसके दो दिन बाद, 21 मार्च को यासिर का शव भी चिनारी सैक्टर के पास चकोठी इलाके से मिला। शव मिलने की जानकारी के बाद भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने आपस में संपर्क किया और इन्हें वापस परिवारों तक पहुंचाने का फैसला लिया गया। पाकिस्तानी सेना ने दोनों शवों को भारतीय सेना के हवाले किया। इसके बाद प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में शव परिवारों को सौंप दिए गए। भारतीय सेना ने इस मामले में बयान जारी कर कहा कि सेना के जवानों ने मुश्किल परिस्थितियों में झेलम नदी में एक शव देखा और उसे निकालने की कोशिश की। तेज़ बहाव की वजह से शव बहकर नियंत्रण रेखा पार पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के चकोठी सेक्टर पहुंच गया। इसके बाद सेना ने मानवीय आधार पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ संपर्क करके शवों को वापस लाने की कोशिशें शुरू कीं। दोनों शव वापस मिलने के बाद सेना ने इन्हें परिवारों को सौंप दिया। लड़की के पिता मोहब्बत ख़ान के मुताबिक उनकी बेटी घटना वाले दिन सुबह घर से निकली थी। जब वो देर तक वापस नहीं आई तो मेरा बेटा उसे देखने गया और उसने बेटी को यासिर के साथ देखा। इस मामले में पुलिस का कहना है कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक़ ये प्रेम-प्रसंग का मामला लग रहा है.

यहां गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बिगड़ने के बाद साल 2019 में ‘कमान अमन सेतु’ को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। दरअसल, फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफ़िले पर चरमपंथी हमला हुआ था, जिसमें लगभग 40 जवान मारे गए थे। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में काफ़ी तनाव पैदा हो गया था। उसके बाद से ही इस पुल से होने वाला क्रॉस-एलओसी ट्रेड बंद है। भारत के गृह मंत्रालय ने तब कहा था कि इस रास्ते का इस्तेमाल हथियार, ड्रग्स और नकली नोट भेजने के लिए किया जा रहा था। श्रीनगर से उरी की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। ऊंची पहाड़ियों के बीच बसा उरी एक छोटा क़स्बा है, जहां से ‘कमान अमन सेतु’ पुल की दूरी क़रीब 20 किलोमीटर है। पुल पर पहुंचकर दोनों तरफ़ साफ़ देखा जा सकता है। ‘कमान अमन सेतु’ को पहली बार साल 2005 में सीमा के दोनों ओर रहने वाले परिवारों की आवाजाही के लिए खोला गया था। 2008 में इसी पुल के ज़रिए दोनों देशों के बीच व्यापार भी शुरू हुआ था। इसे ‘अमन का पुल’ भी कहा जाता है। सीमा के दोनों तरफ़ ऐसे हज़ारों परिवार रहते हैं, जिनके आपस में रिश्ते हैं। हालांकि

इन परिवारों को एक-दूसरे से मिलने के लिए दोनों देशों की सरकारों से अनुमति लेनी पड़ती है। इसे चिंताजनक पहलू ही माना जाएगा कि इस अमन के पुल को अरसे से बंद कर दिया गया। फिलहाल भी इस मजबूरन, खास मकसद से ही खोला गया।

————-

Leave a Comment