भारतीय बज़ट सत्र 2025 में आयकर अधिनियम 1961 के स्थान पर नया आयकर विधेयक लाने की संभावना
बज़ट 2025 में आम नागरिकों को क़र में राहत के साथ विज़न 2047 के लिए इकोनामिक ग्रोथ को प्रोत्साहन देने बजट पर फोकस करने व डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूत करने की रणनीति हो-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
गोंदिया – वैश्विकस्तर पर एक ओर जहां भारतीय समय के अनुसार सोमवार 20 जनवरी 2025 को रात्रि 10:30 बजे अमेरिका के नवनर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण व घोषणाओं पर नज़रें अटकी हुई है, तो दूसरी ओर 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले भारतीय बजट 2025 पर भी लगी हुई है,ताकि इन्वेस्टर उद्योगपति व आम नागरिक उसके अनुसार अपना बजट भी बनाने की कोशिश करें।मीडिया सूत्रों के अनुसार बजट 2025 में वर्तमान आयकर अधिनियम 1961 के स्थान पर नया आयकर विधेयक लाने की सुबसुबाहट हो रही है, क्योंकि इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है, तो दूसरी ओर मेरा मानना है कि विज़न 2047 को देखते हुए बज़ट के इकोनामिक ग्रोथ को प्रोत्साहन देने वाली व कुछ ऐसी रणनीतिक फ्री घोषणाओं के लाभार्थियों व लाभ देने वाले इन दोनों को भारी भरकम टैक्स के दायरे में लाने की जरूरत है। इसके साथ ही आम व मध्यम वर्गीय नागरिकों व बुजुर्गों को टैक्स में राहत देने की स्कीमें लाएं तो सभी को पूर्ण रूप से खुश किया जा सकता है। चूँकि दिनांक 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री रिकॉर्ड,लगातार आठवीं बार बजट पेश करेगी जिसकी तारीखें आ चुकी है इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे भारतीय बजट 1 फरवरी 2025 फ्री घोषणाओं पर रोक से बजट की सार्थकता बढ़ेगी, बजट इकोनामिक ग्रोथ को प्रोत्साहन देने पर फोकस वाला हो।
साथियों बात अगर हम भारतीय बजट सत्र 2025 के तारीखों के ऐलान की करें तो,संसदीय कार्यमंत्री ने शुक्रवार को घोषणा की कि 2025 के लिए संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक चलेगा। सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के संबोधन से होगी, जिसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा।सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा, जिसमें नौ बैठकें होंगी। इस दौरान पीएम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देंगे और वित्त मंत्री बजट पर चर्चा का जवाब देंगी। सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा,केंद्रीय बजट 2025 का शेड्यूल किस प्रकार है,31 जनवरी, 2025: राष्ट्रपति सुबह 11 बजे लोक सभा कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे।1फरवरी, 2025: केंद्रीय बजट 2025 -26 लोकसभा में पेश किया जाएगा,13 फरवरी, 2025: बजट सत्र का पहला भाग स्थगित होगा।13 फरवरी से 10 मार्च 2025:बजट प्रस्तावों और विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों की जांच के लिए संसद की बैठक स्थगित कर दी जाएगी।बजट प्रक्रिया को जारी रखने, अनुदानों की मांगों पर चर्चा करने और कार्यवाही पूरी करने के लिए सत्र 10 मार्च को फिर से शुरू होगा। पूरा बजट सत्र 4 अप्रैल, 2025 को समाप्त होगा, जिसमें कुल 27 बैठकें होंगी। भारत की माननीय राष्ट्रपति ने भारत सरकार की सिफारिश पर बजट सत्र 2025 के लिए संसद के दोनों सदनों को 31 जनवरी, 2025 से 4 अप्रैल, 2025 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने को मंजूरी दे दी है।
साथियों बात अगर हम बजट सत्र 2025 में एक नया आयकर विधेयक 2025 लाने की संभावना की करें तो सरकार संसद के आगामी बजट सत्र में एक नया आयकर विधेयक पेश कर सकती है, जिसका उद्देश्य मौजूदा आयकर कानून को सरल बनाना,उसे समझने योग्यबनाना और पन्नों की संख्या में लगभग 60 प्रतिशत की कमी करना है। दरअसल, इस समय जो इनकम टैक्स कानून है, वह थोड़ा जटिल है और उसके पन्नों की संख्या इतनी ज्यादा है कि उसे समझने और पढ़ने में किसी आम इंसान का दिमाग घूम जाए, सरकार इसी वजह से इनकम टैक्स कानून को सरल बनाने के लिए ये फैसला ले सकती है।बता दें,वित्त मंत्री ने जुलाई के बजट में छह महीने के भीतर छह दशक पुराने आयकर अधिनियम,1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी।पीटीआई पर छपी एक खबर के अनुसार, वर्तमान में, कानून के मसौदे पर कानून मंत्रालय विचार कर रहा है और बजट सत्र के दूसरे भाग में इसे संसद में पेश किया जा सकता है।आयकर अधिनियम,1961 की व्यापक समीक्षा के लिए वित्त मंत्री द्वारा बजट घोषणा के बाद सीबीडीटी ने समीक्षा की देखरेख करने और अधिनियम को छोटा, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था, इससे विवाद, मुकदमे बाजी कम होगी और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी इसके अलावा,अधिनियम के अलग-अलग पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप- समितियां भी बनाई गई हैं।
साथियों बात अगर हम विजन 2047 के लिए इकोनामिक ग्रोथ को प्रोत्साहन देने पर बजट को फोकस करने की करें तो, एक अर्थशास्त्री ने बताया यह रुपये में गिरावट से ज्यादा डॉलर की मजबूती है, डॉलर केमुकाबले सभी मुद्राएं कमजोर हो रही हैं, क्योंकि डॉलर बहुत मजबूत हो रहा है और यह काफी हद तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन और इस उम्मीद के कारण है कि डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला नया प्रशासन अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कुछ करेगा। इसलिए रुपये की यह कमजोरी काफी हद तक डॉलर की मजबूती है और इसके चलते विदेशी संस्थागत निवेशक भी भारत से अपना निवेश निकाल रहे हैं। जब डॉलर की बहुत अधिक मांग होगी, तो रुपया कमजोर होगा। हमें यह तथ्य भी देखना चाहिए कि अन्य मुद्राएं भी कमजोर हो रही हैं। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि रुपया अब भी वास्तविक रूप से थोड़ा मजबूत है और इसका मूल्य कुछ अधिक है,रुपये को अधिक प्रतिस्पर्धी विनिमय दर पर रखना निर्यात की दृष्टि से अच्छा है। डॉलर के मुकाबले रुपया फिलहाल 86.60 के आसपास रहा है. 13 जनवरी को यह 86.70 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर भी आ गया था।अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा जनता को मुफ्त में चीजें देने के बारे में कहा कि यह दीर्घावधि की बढ़ोतरी की दृष्टि से चिंता की बात है, क्योंकि जिन संसाधनों का इस्तेमाल विकास के लिए, इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए हो सकता है, वे मुफ्त योजनाओं में खर्च हो रहे हैं।उन्होंने कहा कि यह कोई अच्छी चीज नहीं है और इसपर रोक लगनी चाहिएकोविड महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ, उसके बाद इसने एक मजबूत सुधार देखा,लेकिन पिछले कुछ साल से अर्थव्यवस्था कोरफ्तार देने वाली यह दबी मांग अब समाप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि अब भारतीय अर्थव्यवस्था ऐसे मोड़ पर है, जो प्री-कोविड समय में था, इसे अब सार्वजनिक खर्च के जरिये आगे बढ़ाने की जरूरत है। वित्तमंत्री ने अपने पिछले साल के बजट में कहा था कि सरकार 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी और इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए वीजीएफ शुरू करेगी।भारत की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की सकल घरेलू उत्पाद की ग्रोथ रेट सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 परसेंट पर पर आ गई है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को बनाए रखना और इसे और आगे बढ़ाना भारत की लिए आर्थिक बढ़ोतरी की रफ्तार में कायम रखने में मदद करेगा। यह बजट ऐसे समय आ रहा है जबकि वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितताएं बढ़ चुकी हैं और घरेलू वृद्धि दर सुस्त पड़ी है।
साथियों बात अग़र हम बजट 2025 में कर दाताओं को कुछ राहतों की संभावना की करें तो, इस वर्ष भी इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसपर गंभीरता से मैंनें विश्लेषण किया हूं और कुछ संभावनाओं का पैनल बनाया हूं (1) आयकर अधिनियम की धारा 80 सी जिसकी अभीछूट 1.50 लाख है उसे अब 2.0 लाख करने की संभावना (2) हेल्थ बीमा 80 डी में अभी हेल्थ इंश्योरेंस 25 हज़ार की छूट होती है व सीनियर सिटीजन को 50 हज़ार की छूट होती है जिसे बढ़ाकर अभी दुगना किया जा सकता है। (3) होम लोन पर अभी 2024 में ब्याज की टैक्स छूट है 2 लाखहै जिसे 3 लाख किए जाने की संभावना है। (4) सीनियर सिटीजन की आयकर टैक्स छूट सीमा धारा 80 टीटीबी धारा 80 डीडीबी 80 डी सहित पेंशन कटौती व आयकर स्लैब में वृद्धि मिलसकती है, चूँकि वैश्विक अनिश्चित के बीच विज़न 2047 के लिए विकास की गति को बनाए रखना बजट 2025-26 में एक चुनौती पुणे कार्य है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, केंद्रीय बजट 1 फरवरी 2025 में टैक्स सुधार कौशलता विकास कृषि उत्पादकता रोजगार सृजन व युवा गुणवत्ता सुधार सेक्टरों पर फोक़स संभावना।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन का इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारतीय बज़ट 1 फ़रवरी 2025-फ्री घोषणाओं पर रोक से बजट की सार्थकता बढ़ेगी- इकोनामिक ग्रोथ को प्रोत्साहन देने पर फोकस ज़रूरी।भारतीय बज़ट सत्र 2025 में आयकर अधिनियम 1961 के स्थान पर नया आयकर विधेयक लाने की संभावना।बज़ट 2025 में आम नागरिकों को क़र में राहत के साथ विज़न 2047 के लिए इकोनामिक ग्रोथ को प्रोत्साहन देने बजट पर फोकस करने व डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूत करने की रणनीति हो।
*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र*