दुनियाँ की सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था को डेड कहना क्या ट्रंप की ट्रेड डील की पैतरेबाज़ी है?
ट्रंप की टैरिफ दबाव नीति क़े आगे भारत झुकेगा नहीं – संसद में वाणिज्यमंत्री की हुंकार राष्ट्रहित सर्वोपरि
विश्वबैंक आईएमएफ सहित दुनियाँ की दिग्गज रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट में भारत विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है,फिर भी ट्रंप द्वारा मृत अर्थव्यवस्था करार देना सरासर अनुचित- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर विश्वबैंक आईएमएफ सहित अनेक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एजेंसीयों ने हर बार अपनी रिपोर्ट्स में भारत को विश्व की सबसे अधिक उभरती हुई अर्थव्यवस्था बताया है,तथा भारत की आंतरिक एजेंसियां भी हर बार सकारात्मक भारत की रिपोर्टिंग देती है।अभी पासपोर्ट सूचकांक में भी भारत ने छलांग लगाई है, परंतु फिर भी अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर 25 पेर्सेंट टैरिफ़ प्लस पेनल्टी टैरिफ को 1 अगस्त 2025 से लागू कर देने के बावजूद बयान देना कि भारत व सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था दोनों मिलकर अपनी डेड इकोनॉमी की ओर नीचे गिर सकते हैं। इस तरह का बयान सोचनीय है।मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र यह मानता हूं कि,चूँकि भारत किसी भी बात पर अमेरिका के टैरिफ पैतरेबाजी से डील में उनकी मर्जी से फिट नहीं हो रहा है, तथा अन्य बड़े-बड़े देशों के उनके सामने झुकने के बावजूद भारत किसी अड्सट्टे में नहीं आ रहा है, और ना ही, किसी टैरिफ धमकी के दबाव में आ रहा है, बल्कि दो कदम आगे बढ़कर दिनांक 31 जुलाई 2025 को देर शाम तक चली ससंद कार्यवाही में वाणिज्य मंत्री महोदय ने साफ-साफ कह दिया कि उनके लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है, हम उसको ध्यान में रखते हुए निर्णय लेंगे। बता दें वैसे भी भारत अमेरिका से कम समान बुलाता है, तथा भेजता अधिक है, तो उन सेक्टर में जैसे फार्मा, प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक, कृषि सहित कुछ क्षेत्रों पर फर्क पड़ने की संभावना जरूर है, परंतु इन क्षेत्रों को सपोर्ट करने भारत की कुछ नीतियां रणनीतियां बनाने पर शायद कार्य शुरू हो चुका होगा। परंतु संसद परिसर में 31 जुलाई 2025 को ही विपक्ष के नेता का बयान देकर ट्रंप द्वारा कहे गए शब्दों क़ा सपोर्ट करते देखे गए जो उचित नहीं है, क्योंकि फैक्ट्स बता रहे हैं कि 2014 में इकोनॉमी 11वे नंबर से 2025 में चौथे नंबर तक पहुंच चुकी है।जीडीपी 2024- 25 में 6.5 पेर्सेंट यूपीडी ट्रांजेक्शन 17200 करोड़ और महंगाई पर 2004-2014 में 8.2 पेर्सेंट से 2015-2025 में 5 पेर्सेंट तक लाना यह आंकड़े दिखा रहे हैं कि वाकई विश्व बैंक तथा आईएमएफ का आंकलन सही है, वाकई यह बयान एक डील की पैतरेबाजी हो सकती है। परंतु भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है, व अमेरिका की दबाव नीति में आने की संभावना कम है,इसलिए आज हममीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, ट्रंप की टैरिफ दबाव नीति से भारत झुकेगा नहीं, संसद में वाणिज्यमंत्री की हुंकार राष्ट्र हित सर्वोपरि।
साथियों बात अगर हम ट्रंप द्वारा भारतीय इकोनॉमी को डेड कहना व इसके एनकाउंटर में हमारे तथ्यों की करें तो,ट्रंप का यह पोस्ट भारत पर 25 फीसदी टैरिफ ऐलान के बाद आया है। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि भारत रूस के साथ क्या-क्या करता है, लेकिन वे दोनों मिलकर अपनी ‘डेड इकोनॉमी’ को और नीचे गिरा सकते हैं। अमेरिकी एक्सपर्ट डेलरिम्पल ने गुरुवार को कहा कि वास्तव में भारत की अर्थव्यवस्था ‘डेड’ होने से कोसों दूर है,बल्कि पिछले साल अमेरिका की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़ी है और इस साल अमेरिका की तुलना में तीन गुना तेजी से बढ़ने का अनुमान है, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के नए वर्ल्ड इकोनॉमिक आंकड़ा डेलरिम्पल की बातों को सपोर्ट करता है।आईएमफ के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था 2025 और 2026 दोनों में 6.4 पेर्सेंट की दर से बढ़ने का अनुमान है,जबकि अमेरिका की इकोनॉमी ग्रोथ 1.9 पेर्सेंट और 2 पेर्सेंट रहने का अनुमान है। कैलेंडर वर्ष के दौरान भारत के 2025 में 6.7 पेर्सेंट की ग्रोथ होने का अनुमान है। आईएमफ के अनुसंधान विभाग के प्रमुख डेनिज इगन ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वास्तव में हमारी ग्रोथ दर काफी स्थिर है। संशोधित भारतीय अनुमानों में अप्रैल के अपडेट की तुलना में 2025 के लिए 0.2 प्रतिशत अंकों की ग्रोथ और 2026 के लिए 0.1 प्रतिशत अंकों की ग्रोथ दर्ज की गई है। इसके विपरीत ग्लोबल अर्थव्यवस्था के 2025 के दौरान 3 पेर्सेंट की रेट से बढ़ने का अनुमान है, जबकि अमेरिका समेत विकसित अर्थव्यवस्थाओं की ग्रोथ रेट 2 फीसदी से नीचे रहने का अनुमान है,चीन की ग्रोथ रेट 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है। गौरतलब है कि बुधवार को ट्रंप ने भारत से आयात पर आने वाली सभी वस्तुओ पर 25 पर्सेंट टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, साथ ही रूसी कच्चे तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद पर नराजगी जाहिर करते हुए जुर्माना लागने की बात कही, ट्रंप ने कहा, ‘भारत में किसी भी देश की तुलना में सबसे कठोर और अप्रिय गैर-मौद्रिक व्यापार अवरोध हैं.’ उन्होंने भारत के टैरिफ को दुनियाँ में सबसे ज्यादा बताया है।
साथियों बात अगर हम टैरिफ़ व डेड इकोनामी का मुद्दा 31 जुलाई 2025 को संसद में उठने व वाणिज्य मंत्री द्वारा देर शाम इसपर जवाब देने की करें तो,अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ का मुद्दा गुरुवार को संसद में उठा, लोकसभा में हंगामे के बीच वाणिज्य मंत्री ने सदन से अमेरिका को जवाब दिया, उन्होंने कहा कि भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ के असर पर सरकार नजर रखे हुए है, किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों समेत उद्योग जगत के सभी हितधारकों के कल्याण पर सरकार की नजर है, इसके लिए जो भी जरूरी होगा, कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत मात्र एक दशक से भी कम समय में दुनिया की सबसे तेजी बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। हम अपने रिफॉर्म, किसानों, एमएसएमई और उद्यमियों की कड़ी मेहनत से 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से टॉप-5 में आ गए हैं, हम कुछ ही सालों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे, आज अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और अर्थशास्त्री भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक ब्राइट स्पॉट के रूप में देखते हैं। भारत वैश्विक विकास में लगभग 16 पर्सेंट का विकास दे रहा है।उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने 2 अप्रैल 2025 को पारस्परिक टैरिफ पर एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था, इसमें व्यापारिक साझेदारों से आयात पर 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक एडिशनल ड्यूटी लगाने की बात कही गई थी, 10 पर्सेंट की बेसलाइन ड्यूटी 5 अप्रैल 2025 से लागू हो गई। भारत पर कुल 26 पर्सेंट टैरिफ की घोषणा की गई थी।यह टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी होना था, लेकिन 10 अप्रैल को इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया, बाद में ये स्थगन 1 अगस्त 2025 तक बढ़ा दिया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो टैरिफ की घोषणा की है, सरकार उसके असर का परीक्षण कर रही है, वाणिज्य मंत्रालय सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करके इसके असर का आकलन कर रहा है। सरकार सभी पक्षों के कल्याण को सर्वोच्च महत्व देती है। राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने के लिए हम आवश्यक कदम उठाएंगे। उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका ने मार्च 2025 में एक न्यायपूर्ण, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते बीटीए के लिए बातचीत शुरू की थी, इसका टारगेट अक्टूबर- नवंबर 2025 से समझौते के पहले चरण को पूरा करना था। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने 29 मार्च 2025 को दिल्ली में आयोजित पहली मीटिंग के दौरान द्विपक्षीय समझौते की बातचीत को अंतिम रूप दिया था, उन्होंने बताया कि नई दिल्ली और वॉशिंगटन में दोनों पक्षों के बीच चार दौर की बैठक हो चुकी हैं, दोनों पक्षों के बीच कई वर्चुअल बैठकें भी हो चुकी हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दुनियाँ की सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था को डेड कहना क्या ट्रंप की ट्रेड डील की पैतरेबाज़ी है?ट्रंप की टैरिफ दबाव नीति क़े आगे भारत झुकेगा नहीं- संसद में वाणिज्य मंत्री की हुंकार राष्ट्रहित सर्वोपरि विश्वबैंक आईएमएफ सहित दुनियाँ की दिग्गज रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट में भारत विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, फिर भी ट्रंप द्वारा मृत अर्थव्यवस्था करार देना सरासर अनुचित है।
*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र *