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मुद्दे की बात : कनाडा से मिला भारत को बड़ा झटका

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फास्ट ट्रैक वीजा बंद होने से भारत होगा सबसे ज्यादा प्रभावित

भारत के साथ चल रही राजनीतिक तनातनी के बीच कनाडा ने हाल ही में भारतीयों समेत 14 देशों के छात्रों को झटका दिया है। कनाडा ने फास्ट ट्रैक वीजा प्रोग्राम को बंद कर दिया है। यह स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम यानि एसडीएस प्रोग्राम तत्काल प्रभाव से बंद किया गया। कनाडा अब अपनी फास्ट-ट्रैक स्टडी परमिट प्रोसेस के तहत एप्लिकेशन स्वीकार नहीं करने वाला है। इस प्रक्रिया की वजह से बहुत से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को जल्दी वीजा मिलने में मदद होती थी। खासकर इसे भारतीय छात्रों के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कनाडा के इस फैसले को भारतीय छात्रों के लिए बड़े झटके के तौर पर इसलिए देखा जा रहा है, क्योंकि हर साल लाखों की संख्या में भारतीय कनाडा में पढ़ने जाते हैं। मौजूदा राजनयिक तनाव की वजह से पहले से ही उन्हें वीजा हासिल करने में देरी हो रही थी।ऐसा नहीं है कि कनाडा ने सिर्फ एसडीएस सिस्टम को ही बंद किया है, बल्कि नाइजीरिया के छात्रों के लिए नाइजीरिया स्टूडेंट एक्सप्रेस स्ट्रीम को भी बंद कर दिया गया है। अब सभी स्टडी परमिट आवेदन स्टैंडर्ड एप्लिकेशन प्रोसेस का इस्तेमाल कर जमा किए जाएंगे। कनाडा सरकार ने 2018 में एसडीएस को लॉन्च किया था। इसे भारत समेत 14 देशों के छात्रों के वीजा एप्लिकेशन में तेजी लाने के मकसद से डिजाइन किया गया था। यह एक सरल स्टडी परमिट प्रोसेसिंग प्रोग्राम था, जिसका फायदा लाखों छात्रों को मिल रहा था। फास्ट-ट्रैक स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम प्रोग्राम के जरिए 20 दिनों के भीतर एप्लिकेशन को प्रोसेस करना होता था। हालांकि, छात्रों को स्टडी परमिट हासिल करने के लिए जरूरी बायोमेट्रिक्स जमा करने पड़ते थे और एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया पूरा करना पड़ता था।

पिछले कुछ सालों में एसडीएस और नॉन-एसडीएस आवेदकों खासतौर पर भारतीयों के बीच वीजा एप्लिकेशन की स्वीकृति दर में बड़ा गैप दिख रहा था। एसडीएस प्रोग्राम से अप्लाई करने पर जल्दी वीजा मिल रहा था, जिस वजह से ज्यादा भारतीय छात्र इसके जरिए स्टडी परमिट हासिल कर रहे थे। कोविड महामारी के समय भारतीय छात्रों के लिए नियमित स्ट्रीम की तुलना में एसडीएस का अप्रूवल रेट बढ़ गया था। साल 2021 और 2022 में एसडीएस आवेदकों का अप्रूवल नॉन- एसडीएस आवेदकों के अप्रूवल के मुकाबले तीन गुना ज्यादा था।

कनाडा का स्टडी परमिट हासिल करने की सोच रहे भारतीय छात्रों के बीच एसडीएस प्रोग्राम का सबसे ज्यादा प्रचलन था। साल 2022 में कनाडा में पढ़ने गए 80 फीसदी भारतीयों ने इसी प्रोग्राम का इस्तेमाल कर वीजा हासिल किया था। कुल मिलाकर भले ही इसका असर 14 मुल्कों के स्टूडेंट्स पर पड़ेगा, लेकिन सबसे ज्यादा भारतीय छात्र प्रभावित होने की आशंका है। इस मुद्दे पर कनाडा सरकार ने अपना पक्ष भी रखा है। सरकार की वेबसाइट पर साझा की गई जानकारी में कहा गया है कि कनाडा सभी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए पढ़ाई के लिए परमिट की आवेदन प्रक्रिया को समान और निष्पक्ष रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां गौरतलब है कि बारहवीं के बाद की पढ़ाई के लिए कनाडा जाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के वीज़ा आवेदनों की जल्दी सुनवाई के लिए साल 2018 में स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम यानी एसडीएस की शुरुआत की गई थी। यह स्कीम एंटीगुआ और बारबूडा, ब्राज़ील, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, भारत, मोरक्को, पाकिस्तान, पेरू, फ़िलीपींस, सेनेगल, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, त्रिनिदाद और टोबैगो और वियतनाम के लोगों के लिए शुरू की गई थी।

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