धमाके के बाद भारत सतर्क, क्या दोबारा दिखेगा सेना का ‘त्रिशूल’ मिशन?

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राजधानी दिल्ली के पॉश इलाके में हुए बम धमाके ने देश ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान तक में हलचल मचा दी है। बताया जा रहा है कि धमाके की गूंज लाहौर, रावलपिंडी और इस्लामाबाद तक महसूस की गई। पाकिस्तान की जनता अब भी कुछ महीने पहले की उन भयानक यादों से उबर नहीं पाई है, जब भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के बाद अपना रौद्र रूप दिखाया था। उसी के बाद तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान सीमा के पास ‘त्रिशूल’ युद्धाभ्यास शुरू किया था।

दिल्ली धमाके के बाद बढ़ी अटकलें

भारत और पाकिस्तान दोनों में चर्चा है कि क्या भारतीय सेना अब ‘त्रिशूल’ अभ्यास से मिले अनुभवों का इस्तेमाल करने वाली है। राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर गुजरात के कच्छ तक भारतीय जवानों ने जमकर पसीना बहाया है। इस बीच राजधानी में आतंकी हमला होना कई सवाल खड़े करता है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि सरकार और सेना अगला कदम क्या उठाएंगी।

50 हजार सैनिक और 40 फाइटर जेट्स ने दिखाया दम

त्रिशूल युद्धाभ्यास में थल, वायु और नौसेना के 50 हजार से अधिक सैनिकों ने भाग लिया। भारतीय वायुसेना ने 40 से ज्यादा फाइटर जेट्स और एयरक्राफ्ट के जरिए यह अभ्यास किया कि युद्ध के पहले 48 घंटों में कैसे दुश्मन के इलाके में एयर डॉमिनेंस हासिल की जा सकती है।

ड्रोन व समुद्री हमले की तैयारी

इस अभ्यास में हाईवे पर फाइटर जेट्स की लैंडिंग से लेकर ड्रोन-टू-ड्रोन लड़ाई और समुद्र से ज़मीन पर एम्फीबियन लैंडिंग तक की तैयारी की गई।

नौसेना के 25 युद्धपोत भी शामिल

भारतीय नौसेना के 25 से अधिक युद्धपोत, पैरा-SF, MARCOS और गरुड़ कमांडो भी इस युद्धाभ्यास का हिस्सा रहे। इसके साथ ही T-90 टैंक, प्रचंड हेलिकॉप्टर, ब्रह्मोस मिसाइल और क्लस्टर बम जैसी आधुनिक हथियार प्रणाली का सफल अभ्यास किया गया।

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