अमृतपाल के साथ एनएसए में डिब्रूगढ़ जेल में बंद राउके से पहले उनके साथी भगवंत ने किया ऐलान
बरनाला 29 जून। केंद्र और पंजाब सरकार के साथ ही सूबे की प्रमुख पार्टियों के लिए सियासी-नजरिए से एक नई चुनौती बढ़ती जा रही है। खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ संस्था के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी कुलवंत सिंह राउके भी जेल से बरनाला विधानसभा सीट से उप-चुनाव लड़ेगा। उसके भाई महा सिंह ने शुक्रवार को यह खुलासा किया। गौरतलब है कि बरनाला से विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर के संगरूर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट पर उप-चुनाव होना है।
काबिलेजिक्र है कि असम की डिब्रूगढ़ जेल में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथ कुलवंत सिंह राऊके भी बंद है। जबकि खुद अमृतपाल सिंह ने श्री खडूर साहिब लोकसभा सीट पर जेल से ही चुनाव लड़ा था। उसकी भारी मतों के अंतर से जीत भी हुई। उसके बाद ही बीते दिनों एनएसए में डिब्रूगढ़ जेल में ही बंद अमृतपाल के दूसरे साथी भगवंत सिंह बजोके ने भी गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ने का ऐलान अपने बेटे के जरिए किया था। खैर, अब राउके के भाई महा सिंह ने कहा कि मैंने शुक्रवार को अपने भाई से फोन पर बात की थी। उसने जेल में रहते हुए बरनाला उप-चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हम उसका पूरा समर्थन करेंगे।
कौन है कुलवंत राउके : मोगा जिले के राऊके कलां गांव का कुलवंत राउके 38 साल का है। जो पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में क्लर्क के पद पर काम करता था। पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की संस्था वारिस पंजाब दे का मेंबर होने की वजह से राउके को उसके घर से हिरासत में लिया था। उसके पिता चरहत सिंह को भी उग्रवाद के दौर में 25 मार्च, 1993 को पुलिस ने हिरासत में लिया था। जो फिर घर नहीं लौटे। कुलवंत के भाई महा सिंह के मुताबिक आज तक हमें नहीं पता कि हमारे पिता को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया या वह अभी भी जीवित हैं। हमारे पास उनकी मौत का कोई सबूत नहीं है। उन्हें पुलिस ले गई थी और वह कभी वापस नहीं लौटे। उनको भी 1987 में एनएसए के तहत जेल में रखा गया था। कुलवंत के पिता युवा अकाली दल के नेता थे और जरनैल सिंह भिंडरावाले के खालिस्तानी आंदोलन के समर्थक होने के नाते हिरासत में लिया गया था। वह सरपंच भी बने और फिर पुलिस उनको जबरदस्ती घर से उठा ले गई। उनका शव तक नहीं मिला।
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