विभागीय कार्यवाही को इंडस्ट्री ने बताया धक्केशाही , अधिकारीयों पर फूंट सकता है गुस्सा
लुधियाना 23 सितम्बर : सैंट्रल जीएसटी टीम द्वारा टैक्स चोरी के संकेतों के मद्देनजर माछीवाड़ा रोड स्थित जी जे कोन्कास्ट फर्नेस पर दिन भर रेड की कार्यवाही के बाद देर शाम टीम द्वारा मालिकों कमल जैन , पियूष जैन अमित जैन को जाँच के नाम पर हिरासत में लिए जाने से इंडस्ट्री एवं ट्रेड में खौफ का माहौल कायम है। पिछले एक सप्ताह में हुई दूसरी रेड में फर्नेस मालिकों को हिरासत में लेने से पूरी इंडस्ट्री ट्रेड में मौन छा गया है। इंडस्ट्री में रोष है की उनके द्वारा जीएसटी विभाग द्वारा अधिकृत वेंडर एवं ट्रेडरों से स्क्रैप की खरीद की जाती है फिर अगर वेंडर फेक एवं गलत निकला है तो जिम्मेवारी अकेले इंडस्ट्रलिस्ट एवं कारोबारी की क्यों ? आखिर जालसाज लोगों को सरकार से जीएसटी नंबर अलाट कैसे हो रहे है और जिन अधिकारीयों द्वारा जालसाज लोगों को गलत तरिके से जीएसटी नंबर दिए गए है उन्हें भी हिरासत में ले कर जबाब देही निर्धारित की जाए।
शाम 5 बजे मची हफडादफ्डी :
गौरतलब है की मंगलवार को सेंट्रल जीएसटी टीम द्वारा माछीवाड़ा रोड स्थित जी जे कोन्कास्ट फर्नेस पर रेड दौरान बाड़ेवाल रोड पर पंचशील कलोनी में डायरेक्टरों के निवास पर भी कार्यवाही को अंजाम दिया। सुबह 6 बजे शुरू हुई कार्यवाही में शाम 5 बजे के करीब इंडस्ट्री में हफडादफ्डी मच गई जब वासु मल्टीटेक की तर्ज पर जी जे कोन्कास्ट फर्नेस डायरेक्टरों को भी हिरासत में ले लिया गया।
खन्ना और मंडी में भी धमक
इससे पहले दिन भर रेड तो लुधियाना में चली परन्तु इनकी धमक खन्ना और मंडी गोबिंदगढ़ में भी देखने को मिली जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की दिन भर गिनी चुनी व्यापारिक गतिविधिों जिसका एक मुख्य कारण पिछले सप्ताह में दूसरी रेड का होना और दोनों बार रेड दौरान मालिकों को हिरासत में लिया जाना अपने आप में एक खौफ नाक सच्चाई है।
एक सप्ताह में दूसरी बड़ी कार्यवाही :
सूत्रों अनुसार सेंट्रल जीएसटी के नए चीफ कमिश्नर सुग्रीव मीणा ने चार्ज सँभालते ही टैक्स चोरों को पकड़ने के लिए ताबड़तोड़ कार्यवाही को अन्जाम देने के निर्देश दे दिए है इसी के तहत लगातार रेड़ें की जा रही है। मंगलवार को हुई रेड को कारोबार जगत पिछली रेड से जोड़ कर देख रहा है चर्चा रही की इस रेड का नाता कही न कही पिछली रेड से जुड़ा है कुछ सुरागों के तहत ही यह कार्यवाही हुई है। देर रात तक चली रेड में बड़ी संख्या में दस्तावेज कब्जे में लिए जाने की सूचना है।
विभाग की कमियों के कारण करोड़ों का टैक्स पेयर हो रहा दागदार।
जीएसटी कार्यवाही से इंडस्ट्री में रोष है कारोबारियों का तर्क है की करोड़ों का टैक्स देने के बावजूद विभाग की कमियों के कारण कारोबारियों की साख दद्दार हो रागी है। स्क्रैप सकैंडरी स्टील इंडस्ट्री का मुख्य रॉ मैटीरियल है और 80 % स्क्रैप इम्पोर्ट एवं बाहरी राज्यों से आता है जिसे जीएसटी युक्त ट्रेडरों एवं व्यापारियों से खरीदा जा रहा है अगर इतने हाईटेक तंत्र और सतर्कता के बावजूद विभाग बोगस बिलिंग करने वाले ट्रेडरों को जाली जीएसटी नंबर लेने पर नकेल नहीं कस पा रही तो आम कारोबारीयोन का जालसाज ट्रेडरों से धोखा खाना कोई बड़ी बात नहीं लेकिन इन सब में केवल कारोबारियों की साख को दागा दार किया जा रहा है।