14 सितम्बर –
राम नाम, असीम शक्ति का प्रतीक है। युगों-युगों से यह नाम करोड़ों लोगों के लिए आस्था, शांति और मोक्ष का आधार रहा है। इसकी महिमा इतनी विशाल है कि इसे शब्दों में पूरी तरह बयां कर पाना असंभव है, फिर भी इसके कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया जा सकता है।
राम नाम का आध्यात्मिक महत्व
पूज्य स्वामी जी कहते हैं इस कलयुग में केवल राम नाम ही सहारा है, जिसका स्मरण कर मनुष्य भवसागर पार कर सकता है। यह नाम न केवल भगवान राम के गुणों और आदर्शों का प्रतीक है, बल्कि यह स्वयं परमात्मा का स्वरूप भी माना जाता है। इसके निरंतर जप से मन शुद्ध होता है, एकाग्रता बढ़ती है और व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होता है।
मन और शरीर पर प्रभाव
राम नाम का जप केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक प्रभावी मानसिक और शारीरिक अभ्यास भी है। जब हम राम नाम का उच्चारण करते हैं, तो हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में सहायक है, जिससे मन शांत और एकाग्र होता है। वैज्ञानिक रूप से भी मंत्रों के जप से निकलने वाली ध्वनि तरंगों को मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए देखा गया है, जो शांति और विश्राम की स्थिति उत्पन्न करती हैं। कई अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि नियमित जप से रक्तचाप नियंत्रित होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रासंगिकता
राम नाम केवल व्यक्तिगत मोक्ष का मार्ग नहीं है, बल्कि इसका समाज पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। यह नाम लाखों लोगों को नैतिकता, सत्यनिष्ठा और सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। महात्मा गांधी जैसे अनेक महापुरुषों ने राम नाम को अपने जीवन का आधार बनाया और इसके माध्यम से समाज में प्रेम, सद्भाव और अहिंसा का संदेश फैलाया। राम नाम के भजन, कीर्तन और संकीर्तन भारतीय समाज में एकता और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देते हैं। यह विभिन्न संप्रदायों और वर्गों के लोगों को एक साथ लाते हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द बना रहता है।
निष्कर्ष
राम नाम की महिमा अनंत है। यह एक ऐसा आधार है जो हर युग में, हर परिस्थिति में मनुष्य को संबल प्रदान करता है। यह केवल एक धार्मिक नारा नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है जो व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक और सामाजिक रूप से समृद्ध करती है। राम नाम का निरंतर स्मरण न केवल हमें भगवान से जोड़ता है, बल्कि हमें अपने भीतर की दिव्य शक्ति को पहचानने और एक सार्थक जीवन जीने की प्रेरणा भी देता है। इसलिए, राम नाम केवल एक ध्वनि नहीं, बल्कि एक शाश्वत सत्य है जो हमारे जीवन को आलोकित करता है।
सभा में राज मित्तल , सुदर्शन जैन , सुमन जैन , आशु जैन , मंजू गुप्ता , मधु बजाज, वीणा सोनी, श्वेता सहनान, साक्षी गंभीर राज गुप्ता , किरण खरबंदा, शुचिता दुग्गल, शशि गुप्ता , वरिन्दर जैन, गुलाब राय, रामेश्वर गुप्ता सहित बड़ी संख्या में साधक सम्मिलित हुए ।