चुनावों की आढ़ में लोगों में लूटने में लगे कपड़ा, बिजली, इलेक्ट्रानिक व बिल्डिंग मटेरियल व्यापारी
लुधियाना 2 मई। लोकसभा चुनाव को लेकर व्यापारियों की लाटरी निकल पड़ी है। लेकिन आम जनता इसमें पिसती जा रही है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के चलते सभी सरकारों के मुखियां खुद चुनाव प्रचारों में व्यस्त हैं। जिसके चलते व्यापारियों द्वारा हर वस्तु के रेट बढ़ा दिए गए हैं। रेट बढ़ाकर आम जनता से जमकर लूट की जा रही है। लेकिन सरकारें, उनके मंत्री व अफसरों का इस पर कोई ध्यान ही नहीं है। व्यापारियों की और से बिजली के सामान, कपड़े, टाइल, सेनेटरी, बिल्डिंग मटेरियल, व्हीकल्स समेत हर छोटी से छोटी चीज का रेट बढ़ा दिया गया। आम जनता से लूट हो चाहे जो मर्जी, लेकिन सरकारों को सिर्फ लोस चुनाव जीतने की पड़ी है। हालांकि ऐसे में जनता को देखना चाहिए कि जो लोग खुद के प्रचार के चलते आम जनता से हो रही लूट पर ध्यान नहीं दे रहे, वह आगे जाकर क्या जनता का भला करेगें।
प्रचार में जनता को सस्ती चीजें मुहैया कराने के दावे
एक तरफ केंद्र सरकार हो चाहे पंजाब की सरकार हर सरकार का मुखिया व उनका उम्मीदवार जनता के बीच जाकर जमकर प्रचार कर रहा है। जबकि जनता को सस्ती चीजें मुहैया कराने, भ्रष्टाचारियों द्वारा की जा रही लूट को रोकने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन असलियत में उनके इस प्रचार के दौरान ही व्यापारियों द्वारा अपने रेट बढ़ा दिए गए हैं। बाद में जब सरकार आएगी तो उसी बढ़े हुए रेटों के आगे रेट बढ़ाकर जनता से और जमकर लूट की जाएगी।
चुनावों का हवाला देते हैं व्यापारी
वहीं जब भी किसी भी दुकानदार के पास ग्राहक सामान लेने जाए और उसे रेट बढ़ने का कारण पूछे तो वह यहीं कहते हैं कि चुनाव के चलते सरकारों ने पीछे से ही रेट बढ़ा दिए हैं। जिससे लगता है कि शायद या तो दुकानदार गलत है या सरकारें। जबकि यह रेट एक बार नहीं बल्कि 5 से 6 बार बढ़ा दिए गए हैं। अब देखने वाली बात यह है कि सरकार व्यापारियों के जरिए जनता को लूट रही है या व्यापारी सरकार का बहाना लगाकर लूट कर रहे हैं।
हर चीज में 5 से 100 रुपए तक रेट बढ़ा
इस संबंध में लुधियाना के अलग अलग बाजारों में जाकर रेट पता किए गए। जिसमें पता चला कि हर चीज में 5 से लेकर 100 रुपए तक रेट बढ़ा हुआ था। हैरानी की बात तो यह है कि यह रेट अब से नहीं बढ़ रहे बल्कि जब से लोस चुनावों का ऐलान हुआ है, जब से रेट बढ़ें है। बात करें कपड़े कि तो हर कपड़े पर 20 से 70 रुपए तक, बिजली के सामान पर 5 से 100 रुपए तक, बिल्डिंग मटेरियल में में 20 से 200 रुपए तक रेट बढ़ा दिए गए हैं। जबकि हैरानी की बात तो यह है कि व्यापारी तो पहले से जनता से लूट कर रहे थे, बस अब बहाना सरकार का लगा है।