फरीदकोट 12 जून। फरीदकोट जिला पुलिस ने वारिस पंजाब दे संस्था के वित्त सचिव रहे गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या कराने के मामले में नामजद असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद श्री खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। हाल ही में पुलिस ने जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर डेटिंग एप टिंडर से अमृतपाल से जुड़े एक अकाउंट की जानकारी मांगी थी और एप से चेट का डेटा मिलने के बाद पुलिस का दावा है कि इसी डेटा की वजह से ही अमृतपाल सिंह ने गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या करवाई हो सकती है। फरीदकोट पुलिस के अनुसार, 9 अक्टूबर 2024 को कोटकपूरा के गांव हरीनौ में बाइक सवार शूटरों ने गुरप्रीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह कट्टरपंथी संगठन वारिस पंजाब दे का पदाधिकारी रहा था। इस केस में पुलिस द्वारा शूटरों समेत अन्य आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि सांसद अमृतपाल सिंह व आतंकी अर्श डल्ला समेत 5 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है।
अमृत संधू नाम का टिंडर अकाउंट
जांच के दौरान पुलिस को ‘अमृत संधू’ नाम से एक टिंडर अकाउंट मिला था, जिसके अमृतपाल सिंह से जुड़े होने का संदेह है। इसके चलते पुलिस ने टिंडर एप से इस अकाउंट का डेटा लिया है। सूत्रों के अनुसार एप द्वारा उपलब्ध करवाए चेट के डेटा में पता चला है कि इस अकाउंट से लड़कियों के साथ अश्लील चेट की जा रही थी। पुलिस के अनुसार, यह जानकारी गुरप्रीत को भी थी, जिसके जगजाहिर होने से अमृतपाल सिंह की समाज मे काफी बदनामी होती। इसी कारण अमृतपाल सिंह ने आतंकी अर्श डल्ला के साथ मिलकर गुरप्रीत सिंह की हत्या करवा दी।