यही है कौमी भाईचारा : कभी सांप्रदायिक-दंगे के चलते चर्चा में आया था हरियाणा का नूंह इलाका
हरियाणा, 4 अप्रैल। भाजपा पर अकसर हिंदूवादी राजनीतिक करने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में बीजेपी शासित राज्य हरियाणा में कौमी भाईचारे की नायाब मिसाल देखने को मिली है। सांप्रदायिक-दंगे से चर्चा में आए नूंह जिले की सिरौली ग्राम पंचायत मुस्लिम-बहुमत वाली है। वहां 15 में से 14 मुस्लिम पंच है, जबकि इकलौती हिंदू महिला पच निशा चौहान को सरपंच चुना गया है।
जानकारी के मुताबिक गांव सिरौली आबादी के लिहाज से भी मुस्लिम बाहुल्य है। साढ़े
3 हजार की आबादी वाले इस गांव में हिंदुओं की संख्या महज 250 है। इसको लेकर गांव के लोगों और पंचों का कहना है कि एक हिंदू महिला को नेतृत्व सौंपना आपसी भाईचारे की मिसाल है। दरअसल गांव में सरपंच का यह पद एक महीने से खाली पड़ा था। पहली सरपंच को डिप्टी कमिश्नर ने बर्खास्त कर दिया था। वहीं, दूसरी सरपंच के काम ना करने की वजह से पंचों ने ही अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे हटा दिया था।
नई सरपंच निशा चौहान का कहना है कि मुस्लिमों के साथ हमारा भाईचारा अच्छा है। गांव में हिंदू-मुस्लिम को लेकर कोई भेदभाव नहीं है। यहां बता दें कि फरवरी, 2023 को तत्कालीन डीली धीरेंद्र खड़गटा ने गांव की सरपंच शहाना को बर्खास्त कर दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर सरपंच का चुनाव लड़ा। जांच में आरोप सही मिले तो सरपंच और स्कूल प्रशासन के विरुद्ध मामला भी दर्ज हुआ था। इस कार्रवाई के बाद गांव के विकास कार्य रुक गए थे। इसके बाद पंचो ने कार्यवाहक सरपंच रुकसीना को चुना, लेकिन उन्होंने विकास कार्यों में दिलचस्पी नहीं दिखाई। बाद में पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर रुकसीना को हटा दिया। बीडीपीओ शमशेर सिंह के मुताबिक महीने भर से सरपंच का पद खाली पड़ा था। ग्राम पंचायत में 15 सदस्य हैं। एक सदस्य ने इस्तीफा दे दिया था, अब 14 पंच हैं। 10 पंचों ने वार्ड 8 की सदस्य निशा को समर्थन देकर कार्यवाहक सरपंच चुना है।
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