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चंडीगढ़, 14 अगस्त:
पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि राज्य सरकार की फसली विविधता मुहिम को बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि चालू सीज़न में खरीफ की मक्की के अंतर्गत रकबे में 16.27% की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में खरीफ की मक्की का रकबा 86,000 हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 1 लाख हेक्टेयर हो गया है।
आज यहां अपने कार्यालय में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान स गुरमीत सिंह खुड्डियां ने खरीफ की मक्की की फसल की स्थिति की समीक्षा की और मक्की की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए।
कृषि मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने कृषि विविधता और भूमिगत जल संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसके तहत छह जिलों—बठिंडा, संगरूर, कपूरथला, जालंधर, गुरदासपुर और पठानकोट—में 12,000 हेक्टेयर रकबे को धान से खरीफ की मक्की की खेती में परिवर्तित किया जाना था। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य सरकार ने इस पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रति हेक्टेयर 17,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा भी की थी। इसके अतिरिक्त, इस बदलाव के संबंध में किसानों के मार्गदर्शन और सहायता हेतु 185 किसान मित्र नियुक्त किए गए हैं।
बैठक के दौरान श्री खुड्डियां ने खरीफ की मक्की की सुचारू व निर्बाध खरीद सुनिश्चित करने के लिए कृषि, पंजाब मंडी बोर्ड और मार्कफेड अधिकारियों की भागीदारी वाली जिला स्तरीय समितियों के गठन के निर्देश दिए। उन्होंने मक्की उत्पादक किसानों से अपील की कि वे मंडियों में सूखी फसल लेकर आएं, ताकि उन्हें फसल बेचने में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
कृषि विभाग के प्रबंधकीय सचिव डॉ. बसंत गर्ग ने मक्की की फसल में नमी के उचित स्तर को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि नमी की मात्रा 14% से अधिक नहीं होनी चाहिए। सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के लिए, उन्होंने मुख्य कृषि अधिकारियों और फील्ड स्टाफ को निर्देश दिए कि वे किसानों को मक्की की सूखी फसल मंडियों में लाने के लिए जागरूक करें, ताकि निर्बाध खरीद हो सके और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।
इस बैठक में पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव श्री रामवीर, मार्कफेड के प्रबंध निदेशक श्री कुमार अमित, कृषि विभाग के निदेशक श्री जसवंत सिंह और संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।