गाजियाबाद, 21 सितम्बर।
गोविंदपुरम स्थित पंचशील प्रिमरोज सोसायटी के टॉवर-11 की लिफ्ट शनिवार शाम को दो बार फंस गई। पहली बार लिफ्ट में एक महिला दो बच्चों संग आधे घंटे तक फंसी रही। घबराकर वह बेहोश हो गई, उनके बच्चे जोर-जोर से रोने लगे। दरवाजा उन्हें निकाला गया। निवासियों ने एओए पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। रात में लोगों ने पुलिस को बुलाकर एओए व बिल्डर पर लापरवाही का आरोप लगा हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया।
निवासी प्रशांत चौधरी ने बताया कि शनिवार शाम को छह बजकर 20 मिनट पर टॉवर-11 की दूसरे नंबर की लिफ्ट फंस गई। इसमें अर्पिता सिंघल अपने दो बच्चों संग सवार थीं और साथ में एक दूधवाला था। लिफ्ट बंद होने से वह घबरा गईं और उसी में बेहोश हो गईं। यह देखकर उनके बच्चे जोर-जोर से रोने लगे।
गौरव चौधरी ने बताया कि दूसरी बार सात बजकर 10 मिनट पर फिर इसी टॉवर की पहली लिफ्ट फंस गई। जिससे दो लोग सवार थे। बार-बार लिफ्ट फंसने से लोग डर रहे हैं और अधिकतर लोग सीढ़ियों का सहारा ले रहे हैं। निवासी एमके बंसल का कहना है कि यहां मेंटेनेंस चार्ज लेने के बाद भी सुविधाएं नहीं दी जा रही है। कैमरे नहीं हैं, हूटर खराब है, फोन की सुविधा नहीं है। सीवर का पानी बहने से पिट में पानी घुसा हुआ है। प्रतिदिन लिफ्ट खराब है और कोई मरम्मत नहीं कराई जा रही है। इस संंबंध में एओए अध्यक्ष नीरज सिंह का कहना है कि पिछले तीन दिनों से लिफ्ट लगाने वाली कंपनी मरम्मत कर रही है। शनिवार को सभी लिफ्ट बढ़िया चल रही थीं, शाम को पूरी सोसायटी में लाइट थी लेकिन लिफ्ट की लाइट चली गई। जिसके कारण महिला फंस गई। इसकी जांच कराई जा रही है कि आखिर केवल लिफ्ट की लाइट कैसे गई। कंपनी सभी लिफ्टों की मरम्मत करेगी। जिसका काम अभी चलता रहेगा। शुक्रवार को जीडीए के नोटिस जारी करने के बाद भी शनिवार को लिफ्ट की मरम्मत के दावे खोखले साबित हुए।
गौर होम्स में लिफ्ट खराब होने पर हंगामा
गाजियाबाद। गोविंदपुरम स्थित गौर होम्स सोसायटी में शुक्रवार रात नौ बजे ए-1 टावर की लिफ्ट में एक महिला समेत दो लोगों के फंसने पर लोगों ने हंगामा किया और एओए सदस्य का घेराव किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने लिफ्ट का दरवाजा खुलवाकर महिला को बाहर निकाला।
निवासी घनश्याम ने बताया कि यहां की लिफ्ट आए दिन खराब रहती हैं। शुक्रवार रात को महिला एक घंटे तक फंसी रही। यहां न कैमरे हैं, न फोन हैं। लिफ्ट में लाइट नहीं है और सेंसर भी काम कर रहे हैं। महिला के फंसने पर गार्ड को चाबी भी बहुत देर में मिली। इस कारण पुलिस को बुलवाना पड़ा। इसके बाद उन्हें निकाला गया। लोगों ने एओए के खिलाफ नारे लगाए और हंगामा किया। निवासी वीपी शर्मा ने कहा कि यहां कोई सुविधा नहीं है। लिफ्ट में लाइट नहीं होने से महिला बहुत डर गई थीं। उन्हें निकालने में पूरे एक घंटे लगे। यहां आए दिन कोई न कोई लिफ्ट खराब होती है।
एओए अध्यक्ष मुकेश पाल सिंह ने निवासियों के सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि शुक्रवार शाम को लाइट आ रही थी, जा रही थी। जनरेटर से लिफ्ट की लाइट कनेक्ट होने में थोड़ा समय लगता है, जिसके कारण को महिला को निकालने में 15 से 20 मिनट लगे। लिफ्ट में लाइट, कैमरे सब हैं। उनके साथ एक और व्यक्ति फंसे थे। दो लोग फंसे, जिन्हें तुरंत निकाल लिया गया। एओए सदस्य अभिषेक त्यागी को बंधक बनाए जाने की बात झूठ है। वह नीचे मंदिर में पूजा कर रहे थे, वहां लोगों ने रोष प्रदर्शन किया।
