पहलगाम में शहीद लेफ्टिनेंट विनय की श्रद्धांजलि सभा आयोजित, बहन बोली – कारगिल बहुत देखता था, कहता था- तिरंगे में लिपटकर आउंगा

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करनाल 4 मई। हरियाणा के करनाल में रविवार को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को श्रद्धांजलि दी गई। डॉ. मंगलसेन ऑडिटोरियम में रखे कार्यक्रम में दादा, माता-पिता, पत्नी और बहन पहुंचे। दादा हवा सिंह और पत्नी हिमांशी ने विनय की फोटो को सैल्यूट किया। रस्म पगड़ी में विनय की पत्नी हिमांशी भावुक हो गईं। इस दौरान उन्हें ससुर राजेश दिलासा देते नजर आए। बीती 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में आतंकियों ने शादी के 7वें दिन लेफ्टिनेंट नरवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कार्यक्रम में सीएम नायब सैनी की पत्नी सुमन सैनी भी पहुंचीं। उन्होंने विनय की फोटो पर फूल चढ़ाने के बाद परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने हिमांशी के सिर पर हाथ रखा। इसके बाद जब वह सभा को संबोधित करने लगीं तो भावुक हो गईं।

गोद में खिलाने वाले को कंधा देना पड़ा

बहन सृष्टि नरवाल ने कहा- आज यहां पहुंचे लोगों से पता चलता है कि आप लोग विनय से कितना प्यार करते हैं। पिछले 12-13 दिनों से हमारे घर पर बहुत लोगों का आना-जाना हो रहा है। जिससे परिवार को खूब हौसला मिल रहा है। विनय लेफ्टिनेंट होने से पहले वह मेरा बड़ा भाई रहा है। सृष्टि ने कहा- डिअर विनय, मेरे भैया, मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस भाई ने पैदा होते ही मुझे अपनी गोद में खिलाया, मैं उसकी जिंदगी की अंतिम यात्रा में उसे कंधा दूंगी।

जिसने आग के नजदीक न जाने दिया, उसे अग्नि दी

बहन सृष्टि ने कहा- जिस भाई ने मुझे पटाखों के शोर से हमेशा बचाकर रखा। उसी भाई की शहादत की अंतिम सलामी की गूंज आज तक मेरे कानों में गूंज रही है। जिस भाई ने कभी मुझे आग के नजदीक तक नहीं आने दिया। उसी भाई को मैंने अपने हाथों से अग्नि दी। जो भाई मुझे कभी रोता हुआ नहीं देख सकता था, जिसे मुझे रोते देखकर उसे रोना आ जाता था, आज मैं रो रही हूं तो वह है ही नहीं मेरे आसपास, मुझे चुप कराने के लिए।

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