लुधियाना 29 मार्च। मॉडल टाउन एक्सटेंशन स्थित गुप्ता बुक शॉप व पेरेंट्स द्वारा शहर में स्कूल बुक्स की कालाबाजारी होने के आरोप लगाए गए थे। यह मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। आरोप है कि प्राइवेट स्कूलों, बुक्स शॉप और पब्लिशर की और से मिलकर अकेले लुधियाना में ही 500 करोड़ का घोटाला किया जा रहा है। लुधियाना के शिक्षा मंत्री 50-50 लाख रुपए में बिकने के आरोप भी लगे हैं। वहीं इस मामले में सत्ताधारी पार्टी से लेकर विपक्ष तक सभी चुप रहकर इस घोटाले में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। लेकिन इस नेक्सस में पेरेंट्स का सरेआम शोषण किया जा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर पेरेंट्स ने आरोप लगाया है कि शहर के केवीएम स्कूल, गुरु नानक पब्लिक स्कूल, बीसीएम स्कूल समेत कई प्रमुख स्कूल प्रबंधकों द्वारा कुछ बुक्स शॉप मालिकों के साथ सेटिंग कर रखी है। जिसमें बुक्स का 50 प्रतिशत हिस्सा स्कूल और 50 प्रतिशत हिस्सा बुक्स शॉप मालिक का होता है। यह नेक्सस सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि शहर उक्त बुक शॉप मालिकों द्वारा शहर में अपनी ही कई दुकानें खोल रखी होती है। जिसके चलते पेरेंट्स किसी भी दुकान से खरीदें, लेकिन उनका नुकसान होगा ही होगा और वे मुनाफा उसी बुक शॉप मालिक को मिलता है।
स्कूल प्रबंधक से लेकर वाइस प्रिंसिपल का होता है हिस्सा
पेरेंट्स द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं इस सेटिंग में स्कूल प्रबंधक से लेकर प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल तक का हिस्सा होता है। बुक शॉप मालिक से जो 50 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलती है, वह स्कूल के इसी स्टॉफ में बांटी जाती है। जिसके चलते सभी की और से मिलकर पेरेंट्स को ठगा जाता है।
शॉप मालिक ऐसे चल रहे नेक्सस
गुप्ता बुक शॉप मालिक ने आरोप लगाया कि स्कूलों के साथ सेटिंग करने वाले शॉप मालिक द्वारा पूरा नेक्सस चलाया जा रहा है। किताब बाजार का एक नामी बुक शॉप मालिक द्वारा शहर में अलग अलग स्थानों पर अलग अलग नाम से अपनी किताबों की दुकानें खोल रखी है। उसकी और से अपनी सभी दुकानों की लिस्ट बनाकर स्कूल को दे दी जाती है। स्कूल द्वारा वहीं लिस्ट पेरेंट्स को दी जाती है। ज्यादा दुकानें देख पेरेंट्स को लगता है कि शायद इसमें घोटाला नहीं होगा। लेकिन उक्त लिस्ट में दिए गए नंबरों पर जब संपर्क किया जाता है तो सभी दुकानदारों द्वारा अपने एड्रेस शहर से बाहर के बताए जाते हैं। जिसके चलते पेरेंट्स को लगता है कि इतनी दूर क्यों जाना और फिर वह किताब बाजार के ही दुकानदार से किताबें खरीद लेते हैं। यह लिस्ट इस बार केवीएम स्कूल और गुरु नानक स्कूल समेत चार स्कूलों द्वारा जारी की गई हैं।
एक महीने के लिए किराए पर ली जाती हैं दुकानें
बुक्स शॉप मालिकों द्वारा एक नेक्सस नहीं बल्कि पेरेंट्स को ठगने के लिए कई नेक्सस चलाए जाते हैं। ऐसे में जब उनकी तरफ से लिस्ट जारी की जाती है, तो उसमें ज्यादातर दुकानें वह अपनी ही रखते हैं। जिसमें पहले तो पेरेंट्स को गलत एड्रेस देकर टालने की कोशिश करते हैं, अगर न टले तो बुक शॉप मालिकों द्वारा अपनी ही अलग नाम से कई दुकानें खोल ली जाती है। वह दुकानें एक महीने के लिए किराए पर ली जाती है। पूरी सेल होने के बाद उन्हें बंद कर दिया जाता है।
एजुकेशन विभाग व राजनेता भी है शामिल
आरोप है कि यह नेक्सस बहुत बड़ा है। इसमें स्कूल प्रबंधक, स्टॉफ, बुक पब्लिशर व दुकान मालिक के अलावा जिला एजुकेशन विभाग के अधिकारी और राजनेता तक शामिल होते हैं। इन सभी की हिस्सेदारी तय होती है। जिसके बाद ही यह पूरा नेक्सस चलाया जाता है।
मीडिया से लेकर सरकारी तंत्र सवालों के घेरे में
गुप्ता बुक शॉप के मालिक का आरोप है कि इस नेक्सस में सरकारी तंत्र से लेकर मीडिया तक की मिलीभगत होती है। मीडिया की और से मामले को सामने नहीं लाया जाता और सरकारी तंत्र द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है। जिसके चलते सवाल खड़े हो रहे हैं कि शायद मिलीभगत के साथ ही पूरा खेल किया जा रहा है।
इस साल सरकारी मंत्री भी बैठे चुप
पिछले साल आप सरकार के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा इस मामले में कड़ा एक्शन लिया गया था। जिसके चलते उनकी और से कही से भी किताबें खरीदने का ऐलान किया था। लेकिन इस साल सरकारी की चुपी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि यह कालाबाजारी हर साल बढ़ती जा रही है। लेकिन सरकार इस पर पूर्ण तौर पर रोक नहीं लगा पा रही।
मामले की होगी जांच
सांसद संजीव अरोड़ा ने कहा कि मुझे मीडिया रिपोर्ट्स से ही मामले की जानकारी मिली है। इस मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही इस पर बनती कार्रवाई की जाएगी।