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काका सूद तकड़ी से कूदे, अब वह कमल खिलाएंगे

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अब लुधियाना में शिअद को झटका लगा सियासी झटका

नदीम अंसारी

लुधियाना 25 अप्रैल। लोकसभा चुनाव सिर पर आने के साथ ही सभी प्रमुख दलों में तोड़फोड़ जारी है। अब लुधियाना में शिरोमणि अकाली दल-बादल को जोर का सियासी झटका धीरे से लगा है। शिअद नेता विपन सूद काका ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। वह शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल से नाराज बताए जाते थे।

चंडीगढ़ में भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने काका सूद को भाजपा में शामिल कर उनका स्वागत किया। यहां काबिलेजिक्र है कि काका सूद को लंबे समय पहले शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने लुधियाना लोस सीट से पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अब लोस सीट पर उम्मीदवार का ऐलान होने से पहले ही काका सूद को भनक लग गई थी कि उनका टिकट काटा जा रहा है। लिहाजा कुछ दिनों पहले ही काका सूद कहने लगे था कि उनकी सेहत ठीक नहीं है। लिहाजा छोटे बादल से कह चुके हैं कि वह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। जबकि चर्चा यह थी कि काका सूद चुनाव लड़ना चाहते थे।
भाजपा में जाने की वजह : यहां बताते चलें कि कई महीने पहले विपन सूद काका के घर इनकम टैक्स महकमे की रेड हुई थी। विभागीय टीम ने उनके कई ठिकानों से अहम दस्तावेज और सामान जब्त किया था। सियासी-हल्कों में चर्चा है कि अगर वह शिअद में रहते या उसे अलविदा कह कांग्रेस या आप में जाते तो केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा कसने का खतरा और बढ़ सकता था। वैसे भी काका सूद पहले भाजपा में थे। साल 2016 में भाजपा को छोड़ लोक इंसाफ पार्टी में शामिल हो गए थे। फिर 2017 में विधानसभा चुनाव में लिप व आप के गठजोड़ से हल्का सेंट्रल से चुनाव मैदान में उतारे और कांग्रेसी विधायक सुरिंदर डावर से हारे थे।
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