लुधियाना में शब-ए-बरात की रात शहर भर की मस्जिदों में अनगिनत मुसलमानों ने नमाज अदा कर इबादत की

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शाही इमाम मौलाना मौ.उस्मान रहमानी ने की दस हाफिज-ए-कुरआन बच्चों की दस्तारबंदी

लुधियाना 14 फरवरी। इस्लामी महीने शाबान की पाक- रात शब-ए-बरात के मौके पर यहां फील्डगंज चौक स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद सहित शहर भर की सभी मस्जिदों में अनगिनत मुसलमानों ने नमाज अदा करने के साथ इबादत की।

साथ ही शहर के कब्रिस्तानों में जाकर अपने प्यारों की क़ब्रों पर फातिहा पढ़ी। इस अवसर पर जामा मस्जिद के बाहर शाहपुर रोड पर हुए समारोह की अध्यक्षता करते हुए पंजाब के शाही इमाम मौलाना मो. उस्मान रहमानी लुधियानवी ने मदरसा जामिया हबीबिया दारुल उलूम लुधियाना में पढ़कर कुरआन शरीफ हिफज (जुबानी याद) करने वाले 10 विद्यार्थियों की दस्तारबंदी की।

यहां काबिलेजिक्र है कि जो बच्चे पूरा कुरआन शरीफ जुबानी याद कर लेते हैं, उनको हाफिज की डिग्री दी जाती है। जो कि मुस्लिम समाज में बड़ी सम्मानित पदवी है। इस अवसर पर शाही इमाम मौलाना उस्मान ने कहा कि आज की रात अपने रब से माफी के साथ नेकी का पक्का इरादा करने की जरूरत है। अच्छा इंसान वही है, जो अपने मां-बाप, अपनी पत्नी-बच्चों और पड़ोसियों के साथ मुहब्बत करता है। अगर वो इन करीबी रिश्तों को छोड़कर दुनिया में अच्छा बना फिरता है तो यह दिखावा है, जो कि खुदा को पसंद नही है। शाही इमाम ने कहा कि अगर आप धर्म को आधार बना कर नफरत करते हो तो यह धर्म नहीं, असली धर्मी वही है जो सब के साथ मुहब्बत करता हो।

उन्होंने कुरआन याद करने वाले बच्चों की तारीफ करते कहा कि खुश किस्मत वो मां बाप हैं, जिनके बच्चे हाफिज-ए-कुरान बनते है। लुधियाना में यह मदरसा मरहूम पूर्व शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने स्थापित किया था। आज इस मदरसे के पढ़े बच्चे प्रदेश भर की बहुत सारी मस्जिदों में नमाज अदा करवा रहे है। इस अवसर पर पंजाब और देश की तरक्की और आपसी भाईचारे के लिए विशेष दुआ भी कराई गई।

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