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लुधियाना में ईस्टमैन ग्रुप के सिंघल समेत 3 लोगों पर प्रोपर्टी मामले में करोड़ों की धोखाधड़ी का केस दर्ज

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साउदर्न बाइपास पर प्रोपर्टी खरीदने वाले शरमन जी वाटिका ग्रुप के मालिक करन अरोड़ा ने कराया पर्चा

लुधियाना 19 सितंबर। महानगर में साउदर्न बाइपास और साथ लगते इलाकों में बेशकीमती जमीनों की कीमतें दिनों-दिन आसमान छूती जा रही हैं। नतीजतन शहर के नामी बिजनेसमैन भी रियल एस्टेट के कारोबार में उतर आए। जो आपसी भरोसे में एक-दूसरे से करोड़ों रुपये की जमीनों के बयान करके या खरीददारी करने के बाद ठगे जा रहे हैं। पहले भी ‘यूटर्न टाइम’ ने अपनी ग्राउंड-रिपोर्ट में आगाह किया था कि बेशकीमती जमीनों के इस गोरखधंधे में ईमान डोलने से जानकारों से भी धोखाधड़ी हो रही है।
अब दो बड़े घरानों के बीच ठनी :
जानकारी के मुताबिक शरमन जी वाटिका ग्रुप के मालिक करन अरोड़ा ने 18 सितंबर को थाना दाखा में एफआईआर दर्ज कराई। जिसमें बताया गया कि करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन ईस्टमैन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर उत्सव सिंघल ने उनको बेची थी। जबकि उसकी रजिस्ट्री करने की बजाए उस 55 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया गया। इस मामले में उन्होंने माडल टाउन स्थित ईस्टमैन रियल एस्टेट प्रा.लिमिटेड के डायरेक्टर उत्सव सिंघल और ईसेवाल निवासी करमजीत सिंह और परमजीत सिंह के अलावा छह-सात नामालूम लोगों को नामजद किया है।
ऐसे की जमीन की खरीद-फरोख्त :
दर्ज एफआईआर में महानगर के बाड़ेवाल रोड स्थित महावीर एन्क्लेव के रहने वाले करन अरोड़ा ने बताया कि वह जेके अरोड़ा बिल्डर्स एंड डेलवपर्स के मालिक हैं। वह लुधियाना शहर के आसपास विभिन्न गांवों में जमीन लेकर उन पर कॉलोनियां तैयार कर बेचते हैं। करीब दो साल पहले उन्होंने गांव भट्टियां, दाखा-वन और दाखा-टू में जमीन देखने के बाद उसकी कीमत करोड़ों रुपये प्रति एकड़ की तय की थी। मौके पर लाखों रुपये के दो चैक दिए थे। जो ईस्टमैन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, बीआरएस नगर, लुधियाना के नाम पर थे। इस कंपनी के मालिक विनय सिंघल है। इस जमीन के लेनदेन के संबंध में 9 अगस्त, 2022 को मेसर्स ईस्ट मैन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक उत्सव सिंघल को पत्र लिखा गया था। उस वक्त इस स्टेटमेंट की रकम करोड़ों में थी। उत्सव सिंघल ने बाद में गवाह की उपस्थिति में उस 55 एकड़ भूमि का कब्ज़ा उनको सौंप दिया था। साथ ही यह तय किया था कि कुल 55 एकड़ भूमि उनके नाम पर रजिस्ट्री कराई जाएगी। फिर 15 दिसंबर, 2022 के बाद अलग-अलग तारीखों पर दो लोगों ने उनसे करोड़ों रुपये रुपये लिए, जो उत्सव सिंघल को दिए गए। फिर उस जमीन का कब्जा उनको दे दिया गया।
जमीन तैयार करते कब्जे का प्रयास :
शिकायतकर्ता करन अरोड़ा के मुताबिक जमीन पर 2 करोड़ रुपये खर्च करके वह प्लॉट काटने की तैयारी कर रहे थे। जमीन पर मिट्टी समतल करने का काम बरसात के मौसम के में नहीं चल रहा था। तभी 15 जुलाई, 2024 को आरोपी करमजीत सिंह और मनप्रीत सिंह निवासी इस्सेवाल के साथ छह-सात अज्ञात व्यक्ति घातक हथियार लेकर आए। उन्होंने मेरे कब्जे वाली जमीन पर ट्रैक्टर से कब्जा करने का प्रयास किया और जमीन पर जुताई कर दी। उस समय मैं सिंगापुर गया था। कब्जे के समय वाले वीडियो और फोटो बतौर सबतू मौजूद हैं। मैंने आरोपी उत्सव सिंघल और अन्य को 55 एकड़ जमीन का बकाया भुगतान का भुगतान किया था। आरोपी करोड़ों की ठगी कर अब मेरी कब्जे की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर मुझसे धोखाधड़ी कर रहे हैं।
पहले भी ऐसे मामले सामने आए !
यहां गौरतलब है कि पहले भी ऐसे कई मामले हो चुके हैं। जिनमें कुछ राजनेताओं-पुलिस अधिकारियों ने बीच में पड़कर समझौते भी कराए। रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े लोगों में ऐसे मामलों की चर्चा के आधार पर यूटर्न-टाइम ने एक ग्राउंड-रिपोर्ट इस बारे में प्रकाशित भी की थी। चर्चाओं के मुताबिक आपसी रिश्तों की लिहाज और करोड़ों के सौदे होने की वजह से ज्यादातर मामलों में पुलिस केस दर्ज नहीं कराए गए। धोखाधड़ी-बेइमानी हो जाने पर भुक्तभोगी भी ‘भागते भूत की लंगोटी भली’ वाली कहावत पर अमल कर गए। समझौते के तहत मूल रकम का जितने फीसदी कमीशन बतौर देकर मिला, उसमें ही राजी हो गए।
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