मनोविज्ञान की प्रोफेसर परमजीत कौर ने किया अलर्ट
आरोपी जैसे पीडोफीलिया पीड़ित हो सकते हैं कहीं भी
लुधियाना/8 अप्रैल। महानगर के पॉश इलाके सराभा नगर में महज चार साल की बच्ची को पड़ोस में रहने वाला 70 साल का बुजुर्ग बहला-फुसलाकर घर ले गया। जिसे बच्ची दादा जी मानती थी, उसी मानसिक विकृत बुजुर्ग ने उस मासूम के साथ दरिंदगी कर पाक-रिश्ते को तार-तार कर डाला। इसी दर्दनाक हादसे का सबसे गंभीर पहलू यह है कि खून के रिश्तों की तरह ही मजबूत मुंहबोले रिश्तों पर तमाम खौफजदा परिवार शक करने को मजबूर हो जाएंगे। इसे लेकर ‘यूटर्न-टाइम’ ने जीएचजी खालसा कॉलेज गुरुसर सुधार के मनोविज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ.परमजीत कौर से विस्तार से बातचीत की।
उनके मुताबिक जैसा आरोपी बुजुर्ग ने किया, यह गंभीर मनोरोग पीडोफिलिया के लक्षण होते हैं। ऐसे मनोविकृत किशोर, युवा या बुजुर्ग समाज में कहीं भी हो सकते हैं। ऐसी रोगियों में ज्यादातर बचपन में यौन उत्पीड़न का शिकार हुए होते हैं। वैसे यह मानसिक विकृति हार्मोंस डिस्ट्रबेंस के अलावा जैनेटिक भी होती है। प्रोफेसर परमजीत के अनुसार सोशल साइट्स पर पोर्न-मैटेरियल आसानी से उपलब्ध है, जिससे मानसिक विकृति को और बढ़ावा मिलता है।
उनकी सलाह के मुताबिक खासतौर पर अपने मासूम बच्चों को ऐसे मानसिक विकृत परिजन, पड़ोसी या अन्य लोगों से बचाने के लिए परेंट्स को एहतियाती कदम उठाने चाहिएं। ऐसे मानसिक विकृत लोग अचानक बच्चों से बहुत फ्रेंडली बनने का प्रयास करते हैं। लिहाजा ऐसे लक्षण यदि किसी में नजर आएं तो उस शख्स से बच्चों को किसी बहाने दूरी बनाए रखने को कहें। साथ ही बच्चों को बैड-टच, गुड-टच के बारे में अवेयर करें।
डॉ.परमजीत मानती है कि हमारी एजुकेशन पॉलिसी में भी खामियां हैं, सैक्स एजुकेशन को लेकर दोहरी नीति देखने को मिलती है। मसलन सीबीएसई के सलैब्स में इसे शामिल किया गया, जबकि पीएसईबी यानि पंजाब शिक्षा विभाग इससे न जाने क्यों ‘परहेज’ करता है।
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