किंगपिन ने दुकानों के बाहर लगा रखी सिक्योरिटी, हर कौने में लगे सीसीटीवी
राजदीप सिंह सैनी
लुधियाना 10 अप्रैल। सट्टेबाजों के कारण बदनाम हो चुके जनकपुरी इलाके में आए दिन सट्टेबाजी के धंधे को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं विपक्ष नेता गुरदेव शर्मा देबी की और से खुलेआम पिछले कई सालों से जनकपुरी में जुए व सट्टे का कारोबार चलने के आरोप लगाए गए हैं, यहां तक कि अफसरों की मिलीभगत के भी आरोप लगे हैं। वहीं अब चर्चा सामने आई है कि जनकपुरी में सट्टेबाजी के धंधे का एक किंगपिन भी है। जिसका नाम “एस” से शुरु होता है। जिसका अकेले जनकपुरी ही नहीं बल्कि उसके साथ लगते कई इलाकों में भी पूरा होल्ड है। हालात यह हैं कि सट्टे की दुकान किसकी और कहा खुलेगा, यह उसी की और से तय किया जाता है। उसकी परमिशन के बिना न तो कोई सट्टे व दाने की दुकान खुल सकती है और न ही बंद हो सकती है। किंगपिन द्वारा जमकर अवैध लॉटरी, सट्टेबाजी व जुए का कारोबार बड़े स्तर पर किया और करवाया जाता है। चर्चा है कि उक्त किंगपिन को शहर के कई बड़े राजनेताओं की पूरी शह भी है। यहां तक कि उसकी कई प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी अच्छी सेटिंग है। जिसके चलते उसके यहां रेड नहीं होती। अगर कुछ साल पहले 1-2 बार रेड हुई भी तो उस मामले को भी दबा दिया गया। लोगों में चर्चा है कि इसी के चलते पुलिस विभाग भी उक्त किंगपिन पर नुकेल नहीं डाल पा रहा।
शिवाजी नगर समेत कई इलाकों में खुलवाई दुकानें
चर्चा है कि उक्त “एस” नामक किंगपिन का खुद का मेन कारोबार तो जनकपुरी में है। लेकिन उसने आगे अपने करीबियों को शिवाजी नगर, गंदा नाला व ट्रांसपोर्ट नगर में सट्टे व जुए की दुकानें खुलवाकर दी है। जबकि हर दुकान का मुखी वे खुद है, लेकिन अपने करीबियों को वहां की देखरेख का जिम्मा सौंपा हुआ है। जिसके चलते काफी बड़ी संख्या में कमिशन भी किंगपिन को मिलता है। ऐसे में अगर कोई बाहरी व्यक्ति दुकान खोले तो उसके यहां रेड भी करवा दी जाती है।
दुकान खुलवाना और सेटिंग करना किंगपिन की जिम्मेदारी
चर्चा है कि उक्त किंगपिन का मुख्य काम सट्टे की दुकान खुलवाना और फिर उस संबंधी अफसरों के साथ सेटिंग करना है। यह सारी जिम्मेदारी उसकी होती है। जबकि उसके करीबी व साथियों का काम दुकान का काम देखना होता है। ऐसे में अगर दुकान को लेकर कोई विवाद भी होता है तो उसे संभालने की जिम्मेदारी भी किंगपिन की होती है।
10 सालों में बना सट्टा किंग
चर्चा है कि उक्त “एस” नामक व्यक्ति की और से पहले होजरी का काम किया जाता था। फिर उसने 2015-2016 के दौरान पहली सट्टे की दुकान खोली थी। उस समय चावला का कारोबार कम होने के चलते “एस” नामक व्यक्ति की और से अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाया गया। 2018 में उसने कारोबार को और बढ़ाया। चर्चा है कि उस समय कांग्रेस सरकार थी। जिसके चलते उक्त किंगपिन का एक राजनेता के साथ अच्छा लिंक बन गया। जिसके बाद उसने 2019 में कारोबार में पूरी तरह तेजी ला दी और किंगपिन बन गया।
लॉकडाउन में भी बंद नहीं हुआ काम
चर्चा है कि लॉकडाउन में जहां एक तरफ कुछ जनता को रोटी तक नसीब होना मुश्किल हो गया था। दूसरी तरफ उक्त किंगपिन की और से अपना काम जोरो शोरो से चलाया जा रहा था। जिसके चलते कुछ लोगों के बचे हुए पैसे भी सट्टे में लग गए। चर्चा है कि पूरा शहर बेशक बंद हो जाए, लेकिन इस किंगपिन का सट्टे का कारोबार कभी बंद नहीं होता। वहीं लुधियाना के ज्यादातर लोग इसके पास ही सट्टा खेलने आते हैं।
दुकान के बाहर तैनात रहा युवक, लगे हैं कैमरे
चर्चा है कि उक्त किंगपिन की मुख्य दुकानों के बाहर हर समय एक युवक बैठा रहता है। जिसकी और से हर आने जाने वालों पर नजर रखी जाती है। वहीं दुकान के अंदर व बाहर तक कैमरे लगे हुए हैं। जिनके जरिए नजर रखी जा रही है। ऐसे में अगर कोई शक हो तो तुरंत सट्टे व मिनी कैसिनो का कारोबार बंद कर दिया जाता है। यहां तक कि कई दुकानों में तो चोर दरवाजे तक बनाए हुए हैं।
पूरे इलाके को पता, लेकिन पुलिस बेखबर
हैरानी की बात तो यह है कि इस मिनी कैसिनो और सट्टेबाजी के खेल का पूरे इलाके को पता है। लेकिन संबंधित थाने और पुलिस अफसर इस बात से बेखबर है। शायद पुलिस में इंटेलिजेंस की कमी होने के चलते उन्हें पता नहीं चल पा रहा। चर्चा है कि कुछ साल पहले पुलिस ने रेड भी की थी। लेकिन फिर आपसी बातचीत होने के बाद मामला दबा दिया गया।
पन्ना ज्वेलर्स पर भी लग चुके आरोप
बता दें कि कुछ दिन पहले पन्ना ज्वेलर्स पर भी सट्टा व दाना खिलाने के आरोप लग चुके हैं। मोहम्मद जरार नामक व्यक्ति की और से पन्ना ज्वेलर्स द्वारा उनके साथ 37 लाख रुपए की ठगी मारने के आरोप लगाए थे। वहीं दूसरी तरफ पन्ना ज्वेलर्स की और से भी अपना बयान दिया गया था। जिसमें कहा था कि मोहम्मद जरार एक ब्लैकमेलर है। वे पैसे ऐठने के लिए उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है।
विपक्ष की बात की जा रही अनसुनी
वहीं विपक्ष नेता व भाजपा के कोषाध्यक्ष गुरदेव शर्मा देबी की और से खुलेआम आरोप लगाए गए हैं कि जनकपुरी किसी समय व्यापारिक मंडी था। लेकिन आज जुए की मंडी बनकर रह गया है। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि कई राजनेता व अधिकारी इसमें शामिल है। देबी ने पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा से मांग की थी कि जनकपुरी की संबंधित थाने और चौकी को छोड़कर किसी बाहरी अधिकारी से जांच करवाई जाए, क्योंकि यहां सभी की मिले हुए है।
पुरानी खबरें आ रही सामने
मामले संबंधी एसीपी सेंट्रल अनिल भनोट से बात की तो उन्होंने थाना डिवीजन नंबर 2 के एसएसओ से संपर्क करने को कहा। वहीं एसएचओ गुरजीत सिंह का कहना था कि मीडिया में पुरानी खबरें सामने आ रही है। पूरे इलाके को चैक कर लिया है, सट्टे जैसी कोई बात नहीं है।