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जगरांव : सरकारी अस्पताल में एसएमओ और एक-दो डॉक्टर छोड़कर बाकी समय परि नहीं पहुंचते

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ओपीडी, लैबोरेट्री, लैब और मेडीसिन वार्ड पर लगे मिले ताले

चरणजीत सिंह चैन
जगरांव 20 दिसंबर। पंजाब में नंबर वन रहने वाला जगरांव का सरकारी अस्पताल आज आखिरी पायदान पर जा रहा है। इसके पीछे सरकारी अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों की लापरवाही बताई जा रही है।
सूत्रों से पता चला है कि जच्चा बच्चा अस्पताल में महिला डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता इलाज कराने आयी महिलाओं को कमीशन के लालच में निजी अस्पतालों में भेज देती हैं। सुबह नौ बजे जब पत्रकार अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे तो एक-दो डॉक्टरों को छोड़कर बाकी सभी डॉक्टर अनुपस्थित थे। अस्पताल की ओपीडी, लैब लेबोरेटरी और दवाई कक्षा में 9:15 बजे तक ताले लगे हुए थे।
साढ़े नौ बजे जब जच्चा बच्चा वार्ड की डॉ. मनीषा मैनी अस्पताल पहुंचीं तो उनसे उनके आने का समय पूछा गया तो वे असमंजस में पड़ गईं। फिर पत्रकारों से बोलीं कि क्या आपने अन्य सरकारी कार्यालयों की जांच की है, क्या वे सभी समय पर आते हैं ? या हॉस्पिटल में बाकी सारे डॉक्टर आ गए, और उन्होंने कहा कि अभी तो 9:30 ही बजे हैं, यह इतनी बड़ी बात नहीं है। वह बाद में मरीजों से भी उलझती नजर आई।
क्या बोले एसएमओ :
इस संबंध में जब एसएमओ हरजीत सिंह ने कहा कि देर से आने वाले कई डॉक्टरों को चेतावनी दी गई है। हालांकि कुछ डॉक्टर बहुत हठी हैं। डॉक्टरों को सबसे पहले आते ही हाजिरी लगवानी होती है, उसके बाद कोई काम करना होता है। कुछ डॉक्टर राउंड पर गए होने का बहाना बनाते हैं, जो बिल्कुल गलत है। डॉ. मनीषा मैनी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं इनके खिलाफ पहले भी कई बार लिखित शिकायत कर चुका हूं, लेकिन यह किसी की नहीं सुनती हैं।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन :
इस संबंध में सिविल सर्जन प्रदीप महिंद्रा ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में पहले आया है, अब मैं पता करके इसके बारे में बताऊंगा। यहां यह बात भी गौरतलब है कि अगर डॉक्टरों के खिलाफ पहले भी लिखित शिकायत मिली है तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी।
क्या कहा एडीसी ने : एडीसी कुलजीत सिंह ने कहा कि यह बहुत अच्छा है कि आपने यह मामला मेरे ध्यान में लाया गया। मैं अब समय-समय पर खुद सरकारी अस्पताल की जांच करूंगा।
क्या बोलीं विधायक : विधायक सरबजीत कौर माणुके पहले से रखी बैठक में एसएमओ के कमरे में पहुंचीं। उन्होंने सभी डॉक्टरों को समय पर आने को कहा। डॉक्टर मनीष ने विधायक को पलटकर जवाब देते हुए कहा कि वह 9 बजे सज धज कर ओपीडी में नहीं बैठ सकती हैं, वह तो इसी तरह आएगी। लोक सेवा सोसायटी के सदस्यों के सामने भी डॉ. मनीषा ने कुछ भी मानने से साफ इनकार कर दिया।
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