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होशियार ! हिसार में खच्चर को हो गई लाइलाज बीमारी ग्लैंडर्स

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हाई-अलर्ट : घोड़ा-प्रजाति के मूवमेंट पर जिले में बैन, उनसे यह बीमारी आसानी से पहुंच सकती हैं इंसानों में

हिसार 29 अक्टूबर। यहां एक खच्चर को ग्लैंडर्स बीमारी होने के लक्षण से प्रदेश भर में हड़कंप मचा है। हिसार के गांव सुल्तानपुर में इस खच्चर में ग्लैंडर्स बीमारी के पॉजिटिव लक्षण मिले हैं। जिसे देखते हुए पशुपालन विभाग ने घोड़े की प्रजातियों से जुड़े सभी पशुओं की आवाजाही पर तत्काल रोक लगा दी।

जानकारी के मुताबिक खच्चर के बीमार होने पर हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इसके खून के सैंपल लिए थे। साथ ही उसे क्वारेंटीन कर दिया था। अब ग्लैंडर्स की पुष्टि होने के बाद उसका इलाज हो पाना नामुमकि है। माहिरों के अनुसार ग्लैंडर्स बीमारी कैंसर से भी खतरनाक होती है। बीमार जानवर के संपर्क में आने वाले इंसानों को भी इससे संक्रमित होने का खतरा रहता है।

शादियों का सीजन बड़ी चुनौती :

आने वाले दिनों में शादियों का सीजन है, लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में ग्लैंडर्स को लेकर हाईअलर्ट जारी कर दिया है। शादियों के सीजन में घुड़चढ़ी की परंपरा के चलते एहतियात बरतनी निहायत जरुरी है। वहीं, हिसार अश्व अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्लैंडर्स घोड़ों की प्रजातियों में एक जानलेवा संक्रामक रोग है। इसमें घोड़े की नाक से खून बहना, सांस लेने में तकलीफ, शरीर का सूख जाना, पूरे शरीर पर फोड़े या गाठें आदि लक्षण हैं। यह बीमारी दूसरे पालतू पशु में भी पहुंच

सकती है। इस बीमारी से पॉजिटिव होने पर पशु को वैज्ञानिक तरीके से मारना ही पड़ता है।

सचेत किया वैज्ञानिकों ने :

वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्लैंडर्स नामक यह बीमारी घोड़ों से मनुष्यों में आसानी से पहुंच सकती है। जो लोग घोड़ों की देखभाल करते हैं या फिर उपचार करते हैं, उनको भी संक्रमण हो जाता है। दूसरी ओर पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने अश्व जाति के पशुओं की दौड़, मेले, प्रदर्शनी, खेल आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीमारी के खतरे को देखते हुए भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के डीएएचडी मत्स्य मंत्रालय की तरफ से भी गाइडलाइंस जारी की गई हैं।

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