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पंचायत चुनाव : एनओसी ना होने की सूरत में सेल्फ एफिडेविट पर भी इलैक्शन लड़ सकेंगे उम्मीदवार

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अहम फैसला : स्टेट इलैक्शन कमीशन से बड़ी राहत, मगर सेल्फ एफिडेविट गलत होने पर चुनाव होगा रद

चंडीगढ़ 28 सितंबर। पंजाब में पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया जारी। प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने से पहले एरिया बीडीपीओ या संबंधित अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट या नो ड्यू सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है। इस बार चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।

बताते हैं कि राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी के मुताबिक अगर किसी कारण से प्रत्याशी एनओसी नहीं ले पाता है तो वह सेल्फ एफिडेविट देकर भी नामांकन पत्र भर सकेगा। इससे उसका नामांकन रद्द नहीं होगा। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि अकसर पंचायत चुनाव में नामांकन के साथ एनओसी सार्टिफिकेट ना लगा होने की वजह से नॉमिनेश रद हो जाता था। अब प्रत्याशी को एफिडेविट में बताना होगा कि जिस ग्राम पंचायत के चुनाव में वह प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने जा रहा है, वहां या प्रदेश की अन्य किसी पंचायत का उस पर कोई टैक्स या फीस के रूप में कोई धनराशि बकाया तो नहीं है।

इसके अलावा उम्मीदवार को यह घोषणा करनी होगी कि वह पंजाब स्टेट इलेक्शन कमीशन एक्ट-1994 के सेक्शन-11 के तहत पंचायत की किसी भी संपत्ति या जमीन पर काबिज या उस संपत्ति का लाभ नहीं उठा रहा है। दरअसल अभी तक प्रत्याशी को इसके लिए अपने बीडीपीओ या संबंधित अथॉरिटी से इन नियमों के तहत एनओसी लेना अनिवार्य था। एनओसी लेने की प्रक्रिया में कई बार देरी होने के कारण बिना नॉमिनेशन रद्द कर दिए जाते थे।

एफिडेविट गलत होने पर चुनाव होंगे रद :

चुनाव आयुक्त के मुताबिक नामांकन दाखिल करते समय प्रत्याशी जो एफिडेविट देंगे, वह रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से संबंधित पंचायत और अथॉरिटी को वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा। अगर 24 घंटे के अंदर वेरिफिकेशन रिपोर्ट आ जाती है तो ठीक, नहीं तो एफिडेविट के आधार पर ही नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाएगा। अगर प्रत्याशी जीत जाता है और बाद में उसका एफिडेविट गलत पाया जाता है तो उस पंचायत का परिणाम रद कर दोबारा चुनाव कराए जाएंगे। चौधरी के मुताबिक चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए 23 आईएएस और पीसीएस अफसरों को ऑब्जर्वर नियुक्त किया जाएगा। सरपंच और हर वार्ड में खड़े हुए पंचों के मतदान के लिए ग्राउंड लेवल पर 96 हजार सरकारी कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

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