अजनाला में बाढ़ से नदी उफान पर , किसान 1000 एकड़ उपजाऊ जमीन की तलाश में बौरे जा रहे हैं – धालीवाल – रावी नदी में आई बाढ़ की उच्चस्तरीय जांच के लिए गठित 5 सदस्यीय समिति ने अपनी जांच शुरू कर दी है – धालीवाल – धालीवाल ने नदी पार खेती करने वाले किसानों के लिए नाव और नौका के लिए अपनी जेब से 1 लाख रुपये दान किए-

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अमृतसर/अजनाला , 22 सितंबर 2025 ()-

अंतरराष्ट्रीय रावी नदी में आई भीषण बाढ़ से अजनाला सेक्टर के सीमावर्ती गांवों बल लाभे दरिया , कमीरपुरा , साहोवाल आदि में बर्बाद हुई फसलों का जायजा लेने के लिए हलका विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब स. कुलदीप सिंह धालीवाल मौके पर पहुंचे और बीएसएफ द्वारा उपलब्ध कराई गई मोटर बोट पर सवार होकर नदी पार तबाह हुई फसलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स. धालीवाल ने बाढ़ के कारण 10 फीट रेत व गाद में दबे 6 ट्रैक्टरों में से 3 को प्रभावित किसानों द्वारा मौके पर ही बाहर निकालने की प्रक्रिया का स्वयं नेतृत्व किया और ट्रैक्टरों को नावों में लादकर नदी के तेज बहाव वाले पानी को पार करने के खतरों का सामना करते हुए असहनीय नुकसान से प्रभावित गांव बल लाभे दरिया के किसानों का हौसला बढ़ाया । बाढ़ में एक बड़ी नाव व एक नाव के बह जाने के मद्देनजर प्रभावित किसानों की नई नाव व किश्तियां उपलब्ध करवाने की मांग को ध्यान में रखते हुए श्री धालीवाल ने 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी। अपनी निजी जेब से 1 लाख रुपये खर्च किए और वर्कशॉप कारीगरों को बुलाकर उन्हें 2 सप्ताह के भीतर प्रभावित किसानों को नई नावें और किश्तियां सौंपने के निर्देश दिए । प्रभावित किसानों द्वारा नदी में अचानक पानी आने से उत्पन्न समस्याओं को सुनने के बाद, हलका विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब श्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण, ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने के कारण , अंधाधुंध पत्थर का मलबा, लाल मिट्टी , गाद और बेहिसाब पानी नीचे थीन बांध में आ गया, जहां इंजीनियर भी पलक नहीं झपका सकते थे और नदी के किनारे बसे गांवों और कस्बों को पानी के अचानक आने के बारे में अग्रिम जानकारी देना असंभव था। वहीं , माधोपुर हेडवर्क्स के 3 बाढ़ द्वारों के ढहने की घटना की उच्चस्तरीय जांच करने के लिए , राज्य सरकार ने 5 विशेष इंजीनियरों पर आधारित एक जांच समिति का गठन किया है और द्वारों के ढहने के संरचनात्मक, यांत्रिक , जल विज्ञान , भू-तकनीकी कारणों की जांच शुरू कर दी है । ताकि भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बचा जा सके। जबकि लापरवाही के आरोप में 3 अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

धालीवाल ने यह भी खुलासा किया कि केंद्र की मोदी सरकार पंजाब भर में नदियों के किनारे बाढ़ के कारण किसानों की उपजाऊ जमीनों की प्रति एकड़ कीमत देने में मूकदर्शक बनी हुई है और पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित वरिष्ठ भाजपा नेतृत्व भी इस संबंध में केंद्र की मोदी सरकार से कोई विशेष पैकेज लेने से मुंह मोड़कर पंजाब के प्रभावित किसानों के साथ कथित तौर पर विश्वासघात कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसानों के अनुसार अजनाला विधानसभा क्षेत्र से होकर बहने वाली रावी नदी द्वारा लगभग 1000 एकड़ भूमि जलमग्न होने के कारण प्रभावित किसान अपनी खोई हुई जमीन को खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं , जिसमें नदी की लगभग 250 एकड़ उपजाऊ भूमि भी शामिल है। उन्होंने केंद्र सरकार से जलमग्न भूमि के लिए प्रभावित किसानों को कम से कम 20 लाख रुपये का मुआवजा देने पर जोर दिया । एस. धालीवाल ने यह भी बताया कि 2 जुलाई को दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री श्री सीआर पाटिल के साथ हुई बैठक में रावी नदी से गाद की सफाई के लिए डी-सिल्टिंग को मंजूरी देने तथा पिछली बाढ़ के दौरान नदी में डूबी जमीन के मुआवजे के लिए धनराशि जारी करने का मुद्दा उठाया गया, क्योंकि ये मामले केंद्र सरकार के अधीन हैं।

कैप्शन: हलका विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब स. कुलदीप सिंह धालीवाल सीमावर्ती गांव बाल लाभे नदी के प्रभावित किसानों का हौसला बढ़ाते हुए तथा नदी पार फंसे ट्रैक्टरों को नाव पर सवार कर वापस लाते हुए।

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