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लुधियाना नगर निगम के ओएंडएम सेल द्वारा आठ करोड़ का घोटाले में हलका नॉर्थ में काम कराने की एवज में सबसे ज्यादा काटे गए बिल, सीएम को हुई शिकायत

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लुधियाना 4 जनवरी। लुधियाना नगर निगम के सीवरेज एंड वाटर सप्लाई विभाग के ओएंडएम (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) सेल के अफसरों द्वारा जाली बिलों के आधार पर आठ करोड़ रुपए का घोटाला करने का यूटर्न टाइम अखबार और जनहितैषी चैनल की तरफ से खुलासा किया गया था। इस मामले का खुलासा होने के बाद सरकारी व राजनीतिक तंत्र में हलचल देखने को मिली। वह पूरा दिन मामले की गहराई को समझते दिखे। वहीं इस घोटाले के बेनिफिशरी में भी डर का माहौल देखने को मिला। वह अपना आकाओं को फोन करके इस मामले में बचने का हल पूछते रहे। चर्चा है कि इस स्कैम में सबसे ज्यादा फायदा नगर निगम के ठेकेदार और एक नामी बिल्डर को पहुंचाया गया है। इस स्कैम में सबसे ज्यादा बिल हलका नॉर्थ में पैसा खर्च होने के बनाए गए है। दूसरी तरफ पूर्व पार्षद व आम आदमी पार्टी के लीडर सुशील राजू थापर, कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा के मौजूदा पार्षदों द्वारा मामले की ईडी जांच कराने की मांग की गई। जिसके चलते कई नेताओं द्वारा पंजाब सीएम भगवंत मान को शिकायत की गई है। उन्होंने मामले की जांच कराने की मांग की है। आप नेता सुशील राजू थापर की और से मामले की जांच कराने की मांग की है। चर्चा है कि शनिवार को सरकारी तंत्र द्वारा मौजूदा कई अधिकारियों को मामले संबंधी अवगत कराया गया। उन्होंने जांच तो शुरु की, लेकिन किन्हीं कारणों से वह भी यूटर्न लेते हुए नजर आए। अब देखना होगा कि सत्ताधारी आप पार्टी द्वारा भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के दावे तो किए जाते हैं, अब क्या वह इस मामले में भी एक्शन लेंगे या नहीं।

लोगों का कहना तूफान व वर्ल्ड वॉर के हुए थे हालात ?
वहीं इस मामले का खुलासा होने के बाद शहरवासियों में रोष देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि एमरजेंसी फंड को आखिर इतना इस्तेमाल किया गया कि आठ करोड़ रुपए सरकारी खजाने से निकाल लिया गया। लोगों का कहना है कि क्या तूफान और वर्ल्ड वॉर जैसे हालात हुए थे, जो इतने बिल बनाकर एमरजेंसी फंड निकाला गया। वहीं लोगों रोष है कि जनता द्वारा टैक्स के रूप में दिया जा रहा पैसा, सरकारी तंत्र अपने घरों में जमा करने में लगा हुआ है। लोगों ने यह भी मांग की कि सरकारी अफसरों की सैलरी कम की जाए, क्योंकि घोटालों के जरिए वह करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।

विधायक का करीबी है सबसे बड़ा बेनिफिशरी
चर्चा है कि ओएंडएम सेल में हुए इस स्कैम में सबसे ज्यादा फायदा शहर के नामी बिल्डर और निगम के ठेकेदार को मिला है। जबकि निगम के ज्यादातर ठेके अब उसी की कंपनी के नाम पर अलॉट गोते हैं। चर्चा है कि सबसे ज्यादा बेनिफिशरी रहा यह ठेकेदार एक विधायक का करीबी है। विधायक की छत्रछाया में ही उसे सबसे ज्यादा ठेके अलॉट होते हैं और इसी लिए घोटाले में भी फायदा उसे ज्यादा पहुंचा।

ज्यादातर बिल और कंपनियां जाली
चर्चा है कि इस स्कैम में शामिल अफसरों को 70 प्रतिशत और ठेकेदार को 30 प्रतिशत हिस्सा मिला है। जबकि जिन बिलों के आधार पर एमरजेंसी फंड निकाला गया है, ज्यादातर वह बिल जारी है। जबकि जिन कंपनियों के नाम पर यह बिल बनाए गए, वह कंपनियां भी फर्जी है। हैरानी की बात तो यह है कि निगम के अफसर पैसा कमाने के चक्कर में अपने ही विभाग को चुना लगाने में लगे हुए हैं।

एक्सियन रणबीर पहले भी कर चुके 3.16 करोड़ का घोटाला
ओएंडएम सेल के जिस एक्सियन रणबीर सिंह के कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा बिल पास होने की बात कही जा रही है, वहीं एक्सियन रणबीर सिंह पहले भी 3.16 करोड़ के घोटाले में फंस चुके हैं। जिसके चलते विजिलेंस द्वारा उन्हें गिरफ्तार भी किया गया है। हालांकि इस मामले में डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस एंड अकाउंट्स ऑफिसर पंकज गर्ग और रिटायर्ड एसई राजिंदर सिंह फरार थे। रणबीर समेत तीनों आरोपियों ने बिजली विभाग को पेमेंट अदायगी की जगह पेमेंट घोटाला कर अपने घर भर लिए थे। रणबीर खुद मान भी चुके हैं कि उन्होंने यह घोटाला किया है।

पूर्व कमिश्नर के कार्यकाल पर भी खड़े हुए सवाल
बता दें कि पूर्व निगम कमिश्नर संदीप रिषी के कार्यकाल के दौरान यह घोटाला हुआ है। वह सबसे ज्यादा इंटेलएक्चुअल कमिश्नर रहे हैं। उनकी पर्सनैलिटी पब्लिक द्वारा काफी सराही गई। लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान ऐसी चीजें सामने आना बड़े सवाल खड़े कर रहा है। क्योंकि एमरजेंसी फंड निगम कमिश्नर के हस्ताक्षर के बिना नहीं निकाला जा सकता। अब चर्चा यह छिड़ी हुई है कि कमिश्नर को इस फंड के बारे में जानकारी थी या किसी अधिकारी द्वारा उन्हें मिस गाइड किया गया है।

राजनेताओं की चुप्पी पर भी सवाल
इस घोटाले के सामने आने के बावजूद शहर के राजनेता भी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। जिससे बड़े सवाल खड़े होते हैं। राजनेताओं द्वारा वैसे तो जनता के हक में आवाज उठाने और जनता के पैसे को बर्बाद होने से बचाने के बड़े बड़े बयान दिए जाते हैं। लेकिन अब निगम के अफसरों द्वारा किए जा रहे इन घोटालों में वह आवाज उठाने से कतरा रहे हैं।

बीजेपी सिर्फ हलका सेंट्रल में सक्रिय
वहीं बात करें लुधियाना बीजेपी की तो उनकी तरफ से नगर निगम चुनाव में हो रही धक्केशाही के खिलाफ सीपी ऑफिस बाहर धरना लगाकर आवाज जरुर उठाई गई थी। लेकिन उसके अलावा किसी भी मामले में बोलने से कतरा रहे हैं। हालांकि लुधियाना सेंट्रल हलके में तो बीजेपी सक्रिय है। लेकिन बाकी हलकों में सिर्फ कागजी कार्रवाई ही की जा रही है। अब देखना होगा कि क्या बीजेपी के नेताओं द्वारा इस मामले में आवाज उठाई जाएगी या नहीं।

बिट्‌टू से भरवाया था दो करोड़ टैक्स
बात करें लोकसभा चुनाव की तो तब भाजपा की तरफ से एमपी चुनाव लड़ रहे रवनीत सिंह बिट्‌टू पर भी नॉमिनेशन के दिन नगर निगम लुधियाना द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई थी। उनसे खड़े पैर दो करोड़ रुपए टैक्स जमा करवाया गया था। लेकिन अब उसी निगम में आठ करोड़ का अफसरों ने घोटाला कर लिया। अब क्या मौजूदा केंद्रीय राज्यमंत्री बिट्‌टू द्वारा मामले में कार्रवाई करवाई जाएगी या नहीं।

कांग्रेसी सांसद वडिंग जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेगें या नहीं
लुधियाना से कांग्रेसी सांसद राजा वडिंग को जनता द्वारा भारी बहुमत के साथ जिताया गया था। लेकिन जीतने के बाद लुधियाना के लोग उन्हें देखने को भी तर्स रहे हैं। लेकिन अब उन्हीं के जिले में करोड़ों का घोटाला हुआ है। वहीं लोगों द्वारा आस जताई जा रही है कि सांसद वडिंग द्वारा जनता के पैसे को वापिस लौटाया जाएगा। अब देखना होगा कि राजा वडिंग जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेगें या नहीं।

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