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अहम खुलासा: ऑर्डर पर मंगाई दवा… नोट में लिखा सबको राम-राम, कोई दुखी न हो; इसलिए सब साथ जा रहे

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हरियाना/यूटर्न/9 दिसंंबर: कुरुक्षेत्र के गांव यारा में अपने ही माता-पिता और पत्नी की हत्या के बाद खुद भी आत्महत्या करने के बाद गांव सन्न है। माना जा रहा है कि इसका कारण लोगों को विदेश भेजने का दुष्यंत का धंधा है। इसके चलते वह लेन-देन में फंस गया। पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। इसमें लिखा है कि परिवार में कोई दुखी न हो, इसलिए सभी साथ जा रहे हैं। सभी को राम-राम…। हालांकि अभी इस सुसाइड नोट की भी जांच होनी है। इसमें पुलिसकर्मियों पर टार्चर करने के आरोप लगाए हैं। नैब सिंह परिवार के साथ रह रहा था। नैब सिंह के कुनबे में करीब साढ़े चार एकड़ जमीन हिस्से आई थी।
विदेश भेजने का धंधा बना परिवार का काल
नैब सिंह अपने पोते केशव के साथ खेती करता था। दुष्यंत शाहाबाद कोर्ट में प्यादा था। कुछ समय पहले दुष्यंत ने विक्रम (सुसाइड नोट में जिक्र) के साथ लोगों को विदेश भेजने का काम शुरू किया था। यही धंधा परिवार के लिए काल साबित हुआ। हालांकि ग्रामीण बाहरी हमलावरों के वारदात को अंजाम देने की बात कर रहे थे। सुसाइड नोट के मुताबिक विक्रम लोगों से पैसे अपने पास रखता था, जबकि दुष्यंत फाइल लगाने का काम करता था।
दुष्यंत ने विक्रम को ठहराया जिम्मेदार
विक्रम ने किसी चंद्रभान से पैसे लेकर काम नहीं किया था। इस लेनदेन में दुष्यंत फंस गया और उसने सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। इधर, दुष्यंत के लेनदेन की भनक उसके परिवार को भी मिल चुकी थी। इस वजह से दुष्यंत मानसिक रूप से परेशान रहने लगा था। पिता ने दुष्यंत को काम छोडऩे की सलाह दी थी। दुष्यंत ने विक्रम और उसके परिवार को हत्या और आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का जिम्मेदार ठहराया है।
पुलिस ने भी किया टॉर्चर
विक्रम कनाडा में रहता है। विक्रम की वजह से चंद्रभान, उसका बेटा सलिंद्र, जमाई संदीप और बेटी कोमल उसे और उसके परिवार को परेशान करते थे। उन्होंने हमारी झूठी दरखास्त पुराना शहर सोनीपत में दी थी। इसमें चौकी इंचार्ज रोहित और शिवमुनि ने भी उसे बहुत टॉर्चर किया। धनपत सिंह मलिक उसे अलग से ले जाकर जान से मारने और उसके सारे परिवार को उठाने की धमकी देता था। इससे तंग आकर उसने 16 अगस्त को छह लाख और दो लाख के दो चेक उनको दिए थे, जबकि यह राशि विक्रम के पास गई थी। इनका कोई बकाया न देना था। उसके पास जो दो लाख संदीप के आए थे। वो भी उसने 13 जून तक लौटा दिए। उसके बाद उसने 50 हजार और 32 हजार रुपये भी 19 जून को उनके मांगने पर दे दिए थे। फैसले के बाद भी संदीप उसे परेशान करता रहा और उससे दो लाख रुपये और मांगता था।
इन सब की वजह से मैं और मेरा परिवार आज खत्म हो गया
सुरेंद्र उर्फ सलिंद्र तंग करता था और एक बार घर आकर धमकी दे गया था। इससे परेशान होकर ये कदम उठाने की बात कही। मेरे बाद इनके खिलाफ सखत कार्रवाई की जाए। इन सब की वजह से मैं और मेरा परिवार आज खत्म हो गया। मेरा जीना मुश्किल हो गया था। विक्रम हर रोज लारे लगाता था, जो कि उसने मेरे पैसे देने थे। उसने जिसकी भी फाइल लगाई है, उन सब के पैसे उसके पास गए हैं। विक्रम पैसे देने में आनाकानी कर रहा है।
ऑर्डर पर मंगाई दवा और लिखा राम-राम
सुसाइड नोट के अनुसार दुष्यंत ने यूपी के एक डॉक्टर से दवा मंगाई थी। यह डॉक्टर ऑनलाइन दवा भेजता था। सुसाइड नोट में डॉक्टर के मोबाइल नंबर का जिक्र है। इसमें लिखा कि व्हाट्सएप पर उसने ही मेरे को आर्डर आईडी पर डिलिवरी से दवा भेजी थी। लिखा कि परिवार में कोई दुखी न हो, इसलिए सभी साथ जा रहे हैं। सभी को राम-राम।
आज बेटी आएगी भारत वापस
मांगे राम ने बताया कि नैब सिंह उसका चचेरा भाई था। तीन दिन पहले पूरा कुनबा अंबाला में अपनी भांजी का भात भरने गया था। करीब दो साल पहले नैब सिंह ने अपनी बेटी सोनम की शादी की थी। छह महीने बाद उसकी बेटी इंग्लैंड चली गई थी। तब से उसकी भतीजी सोनम इंग्लैंड में ही रह रही है। उसे घटना की सूचना दी गई है। आज सोमवार तक सोनम इंग्लैंड से आएगी। उसके आने के बाद ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
माता-पिता और पत्नी की हत्या के बाद युवक ने जहर खाकर दी जान
कुरुक्षेत्र के यारा गांव में रुपयों के लेन-देन से तंग आकर शाहाबाद कोर्ट में प्यादे के तौर पर कार्यरत कर्मी ने अपने माता-पिता और पत्नी की हत्या करने के बाद कोई जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली। आरोपी ने अपने 13 साल के बेटे को भी कोई जहरीला पदार्थ खिला दिया लेकिन उसे बचा लिया गया। शाहाबाद के एक निजी अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। उधर, पुलिस ने नैब सिंह 55, उसकी पत्नी अमृत कौर 50, अमनप्रीत 35 और आरोपी दुष्यंत 38 का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना शनिवार देररात की है। पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है।
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