हाईकोर्ट का फरमान, सेवा विवाद के चलते काम से गैर-हाजिर नहीं रह सकते कर्मचारी
चंडीगढ़ 26 नवंबर। भविष्य में पीजीआई चंडीगढ़ की किसी भी यूनियन या कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उनके हड़ताल करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारियों और पीजीआई के बीच जारी विवाद सुलह अधिकारी के पास लंबित है। हाईकोर्ट ने सुलह अधिकारी को दो माह के भीतर इस विवाद का निपटारा करने का आदेश दिया। साथ ही हिदायत दी कि संस्थान का काम रुकना नहीं चहिए, इस पर केवल चंडीगढ़ नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य भी निर्भर हैं। दरअसल पीजीआई ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सारी स्थिति से अवगत कराया था।
पीजीआई प्रशासन ने अदालत को बताया था कि 16 सितंबर को पीजीआई अटेंडेंट कॉनट्रेक्ट वर्कर यूनियन ने उनको नोटिस दिया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के फरवरी, 2020 में दिए आदेश के अनुसार अनुबंधित कर्मियों को नियमित कर्मियों के समान वेतन दिया जाए। साथ ही इस वेतन का एरियर जारी किया जाए और इसमें से कोई कटौती ना की जाए।
इसे लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पताल अनिवार्य क्षेत्र है और इसके कर्मचारी सेवा विवाद के चलते काम से गैर-हाजिर नहीं रह सकते। इससे पीजीआई की स्वच्छता और सफाई व्यवस्था खतरे में पड़ गई। यह उत्तर क्षेत्र का बेहतरीन संस्थान है और हड़ताल से इसकी बदनामी हो रही है। लिहाजा 1947 के अनिवार्य सेवा एक्ट के तहत कर्मचारियों की हड़ताल पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
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