केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंदर सिंह ने राज्यसभा में सांसद संजीव अरोड़ा के सवाल पर दी जानकारी
लुधियाना 30 नवंबर। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानि आईएमडी, केंद्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कृषि मंत्रालय (एमओए), राज्य सरकारों आदि जैसे विभिन्न मंत्रालयों के साथ सक्रिय रूप से काम करता है। ताकि मौसम और जलवायु की अपडेटेड जानकारी के साथ ही विभिन्न पूर्वानुमान और चेतावनियां जारी की जा सकें। यह बात केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंदर सिंह ने राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में दी।
राज्यमंत्री इस दौरान सांसद संजीव अरोड़ा के प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। अरोड़ा ने मानसून की भविष्यवाणी की सटीकता पर प्रश्न पूछा था। उन्होंने कहा कि मंत्री ने अपने उत्तर में आगे उल्लेख किया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान पूरे भारत के दक्षिण-पश्चिम मानसून पूर्वानुमान (जून-सितंबर) की भविष्यवाणी 80% समय के लिए सटीक थीं। मंत्री ने बताया कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने विभिन्न समय पैमानों पर मानसून की वर्षा के लिए अत्याधुनिक गतिशील पूर्वानुमान प्रणाली विकसित करने के लिए राष्ट्रीय मानसून मिशन शुरू किया है। इसने भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा (आईएसएमआर) के सीजनल (जून-सितंबर) और विस्तारित-सीमा पूर्वानुमान पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके अलावा, मंत्री ने बताया कि आईएमडी ने सांख्यिकीय पूर्वानुमान प्रणाली और नव विकसित मल्टी-मॉडल एनसेंबल आधारित पूर्वानुमान प्रणाली के आधार पर देश भर में दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्षा के लिए मासिक और मौसमी परिचालन पूर्वानुमान जारी करने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है।
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