सोनीपत 03 April : अनाज मंडी में किसानों को भारी अव्यवस्थाओं और धांधली का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि मंडी प्रशासन और एजेंसियों की मिलीभगत से उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, ताकि वे सरकारी खरीद की लंबी प्रक्रिया से तंग आकर अपनी फसल प्राइवेट आढ़तियों को बेचने को मजबूर हो जाएं। गेट पास जारी करने में धांधली, सफाई और लोडिंग में देरी, अवैध वसूली और बुनियादी सुविधाओं की कमी से किसान बेहाल हैं।
सोनीपत की अनाज मंडी में गेट पास ऑनलाइन कट रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके पहले आने वाले किसानों के ऑनलाइन गेट पास पर मैन्युअल लिखकर उन्हें बाद का नंबर दिया जा रहा है। मार्केट कमेटी के गेट पास काटने वाले कर्मचारी और HWC (हरियाणा वेयर वेयरहाउस एजेंसी) के हैंडलिंग एजेंट मिलीभगत के चलते किसानों के साथ लूट हो रही है।
किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा लेबर कार्य के लिए 7 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है, लेकिन HWC द्वारा नियुक्त एजेंट रामधन एंड संस 10 रुपए प्रति क्विंटल वसूल रहे हैं। किसानों से बारदाना (बोरे) के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है, जबकि सरकार इसे मुफ्त में उपलब्ध कराती है।अजय ने कहा, यहां सब मिलीभगत चल रही है। किसानों को इतनी परेशानी दी जा रही है कि वे मजबूरी में फसल प्राइवेट व्यापारियों को बेच दें, जहां उन्हें 600 से 800 रुपए प्रति क्विंटल तक का नुकसान हो रहा है।
किसानों ने मांग की है कि मंडी में बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाए, गेट पास घोटाले पर सख्त कार्रवाई हो और अवैध वसूली को रोका जाए। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।