शराब ठेकेदार प्रतिदिन 500 रुपये वसूलते हैं अवैध अहाते वालों से
चरणजीत सिंह चन्न
जगराओं,11 सितंबर : -जगराओं शहर में एक्साइज विभाग की मिलीभगत से अवैध रूप से चल रहे अहातों की भरमार से सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है और यह आहाते वाले ग्राहकों से मनमाने दाम वसूलते हैं, जिन्हें प्रशासन का कोई डर नहीं है।
क्या कहना है अहाता मालिकों का:-जब हमने सरकार की मंजूरी के बिना इन नाजायज आहाता मालिकों से बात की तो उन्होंने कहा कि शराब ठेकेदारों को हर दिन ग्राहकों के हिसाब से 250 से 600 रुपये तक प्रतिदिन शुल्क लिया जाता है एक आहाता मालिक ने कहा कि उसने आहाते की मंजूरी के लिए संबंधित विभाग से संपर्क किया और कई दिनों तक चक्कर लगाने के बाद भी उसे अहाते के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया गया। अवैध अहाता के मालिक ने कहा कि संबंधित विभाग के कुछ कर्मचारियों ने उनसे कहा कि आपको लाइसेंस नहीं मिलेगा क्योंकि शराब ठेकेदार को यह मंनजूर नहीं है, अगर तुमने अनुमति ले ली तो शराब के ठेकेदारों और संबंधित विभाग को दो नंबर की कमाई कैसे होगी। आहातें के मालिक ने कहा कि मजबूरी के कारण वह कई वर्षों से बिना लाइसेंस के आहाता चला रहे हैं और ग्राहकों को शराब पिलाने के लिए अपनी कमाई से शराब ठेकेदारों को प्रतिदिन भुगतान करते हैं।
क्या कहना है शराब ठेकेदारों का:-जगराओं में अवैध अहातों की भरमार के बारे में जब शराब ठेकेदारों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हर ठेके के साथ सरकार द्वारा स्वीकृत एक अहाता होता है, जहां लोग बैठकर शराब भी पी सकते हैं और साथ-साथ कई अन्य अवैध अहाते भी चल रहे हैं, जिनको कई बार शराब पिलाने को रोका गया है।
क्या कहते हैं एक्साइज विभाग के इंस्पेक्टर:- इस संबंध में एक्साइज विभाग के इंस्पेक्टर हर्षपिंदर सिंह बराड़ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से समय-समय पर अवैध रूप से चल रहे परिसरों को समन भेजा जाता है और चालान भी किए जाते हैं। अगर कोई भी व्यक्ति इस संबंध में शिकायत करेगा तो हम जरूर जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि जगराओं में सरकार द्वारा स्वीकृत शराब पिलाने के अहाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर शराब ठेके के साथ सविकृत आहाते नहीं है और गांव में तो बहुत ही काम है। जब उनसे पंजाब सरकार द्वारा स्वीकृत अहाते का बोर्ड आहतें के सामने न लगाए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बोर्ड लगना चाहिए लेकिन परिसर के मालिक इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं जो गलत है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग के अधिकारी सरकार से लाखों रुपये वेतन लेने के बावजूद रोजाना सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं। अबकारी विभाग के इंस्पेक्टर बराड़ की बात करें तो उन्होंने माना है कि जगराओं और जगराओं के आसपास के गांवों में अवैध शराब पिलाने के आहाते चल रहे हैं, अगर उन्हें इसकी जानकारी है तो क्या वे ग्राहकों से मनमाने दाम वसूलने वाले इन अवैध अहातो को रोकेंने की कार्रवाई क्यों नहीं करते ? यदि सरकार द्वारा स्वीकृत आहातो के सामने पंजाब सरकार द्वारा अनुमोदित अहाते का बोर्ड लगा दिया जाए तो अवैध रूप से चल रहे आहातो में ग्राहकों की संख्या कम हो जाएगी, जिसका असर एक्साइज विभाग और शराब ठेकेदारों की दो नंबर की कमाई पर पड़ेगा।