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लोहगढ़ पार्क वाली रोड पर हो रहा है अवैध निर्माण,अधिकारियों ने मूंद रखी है आंखें

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शिकायत मिलने के बाद भी अधिकारी नहीं करते अवैध निर्माणकर्ता के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई

 

 

 

जीरकपुर 22 Aug : शहर में लगातार अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं जिनको नगर कौंसिल के अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर कार्रवाई करने की बजाय शिकायत के बाद ही नोटिस जारी किए जाते हैं लेकिन वह नोटिस महज खाना पूर्ति बनकर ही रह गए हैं। जब कि शिकायतकर्ता तथा निर्माणकर्ता का आपस में विरोध पैदा हो जाता है।अवैध निर्माण संबंधी शिकायत मिलने के बाद कार्यकारी अधिकारी द्वारा बिल्डिंग इंस्पेक्टर को मौका देखने के लिए भेजा जाता है। मौके पर जाकर बिल्डिंग इंस्पेक्टर द्वारा निर्माण कार्य एक बार रुकवा दिया जाता है और दफ्तर में आकर उसकी रिपोर्ट कार्यकारी अधिकारी को दे दी जाती है। इसके बाद इस संबंधी निर्देश ड्राफ्ट्समैन को दिए जाते हैं कि अवैध निर्माणकर्ता को लिखित नोटिस भेजा जाए। नोटिस भेजने अथवा इंस्पेक्टर द्वारा काम रुकवाने के बावजूद भी निर्माणकर्ता द्वारा अपना काम निरंतर जारी रखा जाता है और कुछ ही समय में अपना काम मुकम्मल कर लिया जाता है। यहां पर यह प्रश्न उठता है कि शिकायत मिलने के बावजूद भी कार्यकारी अधिकारी द्वारा अवैध निर्माणकर्ता के खिलाफ ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जाते? दूसरी ओर नोटिस में निर्माणकर्ता को दफ्तर में नक्शा लेकर आने को लिखा जाता है। उस पर भी यह प्रश्न उठता है कि क्या दफ्तर के रिकॉर्ड में उस निर्माण का नक्शा नहीं है? और जो भी इंस्पेक्टर या एंक्रोचमेंट के अधिकारी निर्माण कार्य रोकने के लिए जाते हैं, वह अपने दफ्तरी रिकॉर्ड से नक्शा क्यों नहीं लेकर जाते? दफ्तरी रिकॉर्ड में मौजूद नकशे के साथ उस निर्माण का मिलान करके अवैध निर्माण को सील क्यों नहीं किया जाता या तोड़ा क्यों नहीं जाता? क्या इस बात में भ्रष्टाचार की बदबू आती है या अधिकारियों की नालायकी सिद्ध होती है?

 

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लोहगढ़ पार्क वाली रोड पर हो रहा है अवैध निर्माण :

लोहगढ़ पार्क के पास मेट्रो प्लाजा मार्केट के बिल्कुल आगे एक अवैध निर्माण चल रहा है जिसमें निर्माण करता द्वारा तीन दुकानें बनाई जा रही है। बिल्डिंग इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह के अनुसार इन तीन दुकानों की जगह पर एक दुकान का नक्शा पास है। जबकि इन दुकानों के आगे कोई भी पार्किंग की जगह ही नहीं छोड़ी गई और इसका पहला लेंटर भी आगे बढ़कर बनाया गया है। नियमों के अनुसार अगर किसी ने अपने निर्माण में कोई बदलाव करना होता है तो नक्शा रिवाइज करवाना पड़ता है लेकिन यहां पर बिना नक्शा रिवाइज करवाए एक दुकान की जगह पर तीन दुकानें बना ली गई है इससे कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि कुछ तो बात जरूर है। इस निर्माण संबंधी शिकायतें नगर कौंसिल को इस समय से जा रही है जब से इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था और दो-तीन बार नगर कौंसिल द्वारा इसका निर्माण कार्य बंद भी करवाया जा चुका है लेकिन निर्माणकर्ता कोई पावर वाला व्यक्ति है जिसको नगर कौंसिल के अधिकारी रोकने में असफल है और धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहा है और दूसरी मंजिल के लेंटर की भी तैयारी हो चुकी है। अक्सर ही शहर में अवैध निर्माण के लेंटर शनिवार और रविवार को ही डाले जाते हैं, क्योंकि इन दो छुट्टियों के दिन कोई भी नगर कौंसिल का अधिकारी अवैध निर्माण को रोकने के लिए नहीं जाता और जब एक बार लेंटर डल गया, उसके बाद तो ऐसे पहुंच वाले व्यक्तियों के खिलाफ नगर कौंसिल के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करना असंभव ही हो जाता है। इस निर्माण में भी अगले लेटर की पूरी तैयारी है और शनिवार, रविवार और सोमवार को सरकारी छुट्टी होने के चलते इन दिनों में ही इसका दूसरी मंजिल का लेंटर डाला जाना संभावित है।

 

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कार्यकारी अधिकारी नहीं देते किसी भी मामले की जानकारी :::

किसी भी खबर संबंधी जब नगर कौंसिल जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया को फोन किया जाता है वह या तो फोन ही नहीं उठाते या फिर उसे संबंधी जानकारी नहीं देते। इस अवैध निर्माण कार्य संबंधी जब नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी को फोन किया तो उन्होंने कहा कि मैं अभी बाहर हूं मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है जबकि इस निर्माण को शुरू हुए एक महीने से अधिक समय हो गया है और दो-तीन बार नगर कौंसिल की टीम इस निर्माण कार्य को रुकवा कर भी आई है। उन्होंने कहा कि आप एटीपी या किसी अन्य अधिकारी को फोन करके इसकी जानकारी ले सकते हो, लेकिन दूसरे अधिकारी भी या तो फोन नहीं उठाते या टालमटोल कर देते हैं।

 

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क्या कहना है बिल्डिंग इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह का :::

इस मामले संबंधी जानकारी लेने के लिए बुधवार तथा वीरवार को बिल्डिंग इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह को बार-बार फोन करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद इस संबंधी जानकारी लेने के लिए दफ्तर में जाकर पूछने पर उन्होंने कहा कि इस संबंधी हमें शिकायत मिली हुई है और हमने निर्माणकर्ता को नक्शा लेकर दफ्तर में आने के लिए कहा हुआ है। अगर निर्माण करता नक्शा लेकर दफ्तर में नहीं आता तो उसको लिखित नोटिस देकर अगली कार्रवाई की जाएगी। यहां पर यह प्रश्न भी उठना है कि अगर निर्माणकर्ता द्वारा नक्शा पास करवाया गया है तो क्या नगर कौंसिल के पास इस निर्माण संबंधी नक्शे की कॉपी नहीं है? अगर इस नशे की कॉपी नगर कौंसिल के पास है तो निर्माणकर्ता से काफी मांगने की बजाय अपने रिकॉर्ड में मौजूद नक्शे के आधार पर निर्माणकर्ता के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?

 

निर्माणकर्ता हैं अधिक ताकतवर या एंक्रोचमेंट विंग हुआ कमजोर :::

शहर में धड़ल्ले से चल रहे हैं अवैध निर्माण के कारण नगर कौंसिल के अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है क्योंकि नगर कौंसिल द्वारा नोटिस जारी करने के बावजूद भी शहर में अवैध निर्माण करता धड़ल्ले से अपना निर्माण कार्य कर रहे हैं। नगर कौंसिल के अधिकारी तथा एंक्रोचमेंट विंग द्वारा निर्माण करता को एक बार नोटिस जारी करके उसके बाद मामले को ठंडा बस्ती में डाल दिया जाता है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नोटिस जारी करने के बाद अधिकारी खुद निर्माण करता को इसकी कार्रवाई से बचने का रास्ता भी बता देते हैं कि कैसे कानूनी कार्रवाई से बचा जा सकता है।

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