पंजाब/यूटर्न /13 जून: पेट्रोल और डीजल पर महंगाई की मार से जनता त्रस्त है। आए दिन पेट्रोल और डीजल की कीमत में भारी बढ़ोतरी होती रहती है। कच्चे तेल की कीमत कम होने के बाद भी पेट्रोल और डीजल की कीमत पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता। ऐसे में काफी लोगों की मांग रही है कि इन्हें भी वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी दायरे में लाया जाए। एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में मंत्रालयों के बंटवारे के बाद सरकार इस प्रक्रिया में कुछ कदम आगे बढ़ा सकती है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक सरकार का प्रयास होगा कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।
तो क्या सस्ता हो जाएगा पेट्रोल और डीजल
अब सवाल है कि अगर सरकार पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी लगा देती है तो क्या इसकी कीमत कम हो जाएगी? तो इसका जवाब है हां। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब सरकार ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही है। इससे पहले भी सरकार की तरफ से ऐसी बातें सामने आती रही हैं।
अभी इतना लिया जाता है टैक्स
अभी पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और सरकार की तरफ से करीब 50 फीसदी टैक्स लिया जाता है। यह टैक्स केंद्र सरकार (एक्साइज ड्यूटी) और डयूटी (राज्य सरकारों द्वारा) के रूप में लिया जाता है। इसके अलावा इसमें डीलर की कमीशन भी शामिल होती है। लगने वाले कुल टैक्स में आधे से ज्यादा हिस्सा केंद्र सरकार का होता है। इन टैक्स के कारण ही जनता को तेल की भारी कीमत चुकानी पड़ती है। वहीं अगर इन सभी टैक्स को हटाकर सिर्फ जीएसटी लगाया जाए तो तेल की कीमत काफी कम हो जाएगी। अभी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर है।
कंपनी की तरफ से कीमत 55.66 रुपये
एक्साइज ड्यूटी 19.20 रुपये
डीलर की कमीशन 3.77 रुपए
डयूटी (दिल्ली में) 15.39 रुपये
कुल कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर
जीएसटी लगने पर यह होगी स्थिति
कंपनी की तरफ से कीमत 55.66 रुपये
डीलर की कमीशन 3.77 रुपये
जीएसटी (28 प्रतिशत अधिकतम मानने पर) 16.64 रुपये
कुल कीमत 76.07 रुपये
ऐसे में जीएसटी लगने के बाद आपको पेट्रोल पर प्रति लीटर 18.65 रुपये का फायदा होगा।
डयूटी से कमाई करती हैं राज्य सरकार
अभी पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी लाया जाता है। यह कितना लिया जाएगा, इस बारे में राज्य सरकारें तय करती हैं। पेट्रोल और डीजल पर डयूटी लगाकर इससे राज्य सरकारें कमाई करती हैं। यही कारण है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है।
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