लगातार फ्लाईओवर बनते रहे तो चंडीगढ़ अपनी विरासती आत्मा खो देगा, हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

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पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रिब्यून चौक फ्लाइओवर मुद्दे पर सुनवाई के दौरान किए सख्त लहजे में सवाल

चंडीगढ़, 14 अक्टूबर। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के ट्रिब्यून चौक पर प्रस्तावित फ्लाईओवर निर्माण के मामले में सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते कहा कि क्या चंडीगढ़ प्रशासन यातायात सुगम बनाने के लिए अपने संस्थापक दर्शन और विरासत की पहचान से समझौता कर सकता है ?

हाईकोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा केवल एक निर्माण परियोजना का नहीं, बल्कि पूरे शहर की मूल भावना से जुड़ा है। यदि लगातार फ्लाईओवर बनते रहे तो शहर अपनी विरासत की आत्मा खो देगा। चीफ जस्टिस शीलू नाग ने सवाल किया कि शहर की अवधारणा तो हैरिटेज और नियोजित विकास पर आधारित है। अब हमें यह तय करना होगा कि हम किसे प्राथमिकता दें, यातायात की सुविधा को या शहर की विशिष्टता को ? उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे बदलावों से चंडीगढ़ की पहचान हमेशा के लिए मिट सकती है। अगर एक फ्लाईओवर की अनुमति दी गई तो आगे हर जगह इसकी मांग उठेगी। फिर शहर अपनी विरासत की आत्मा खो देगा।

पूरा शहर फ्लाईओवरों का जंगल बन जाएगा :

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता तनु बेदी ने दलील दी कि ट्रिब्यून चौक ही नहीं, मनीमाजरा लाइटपॉइंट, रेलवे स्टेशन, मटका चौक और सेक्टर 15 जैसे स्थानों पर भी भारी भीड़ रहती है। अगर हर जगह फ्लाईओवर बनने लगे तो एक दिन पूरा शहर फ्लाईओवरों का जंगल बन जाएगा। कोई भी शहर, चाहे वह चंडीगढ़ हो या देश का कोई अन्य, अपने मास्टर प्लान के अनुसार ही विकसित किया जाता है और वर्तमान योजना में फ्लाईओवर निर्माण की सिफारिश नहीं है। उन्होंने कहा कुछ लड़ाइयां जीतने के लिए नहीं लड़ी जातीं, बल्कि सिद्धांतों की रक्षा के लिए लड़ी जाती हैं। सुनवाई के अंत में चीफ जस्टिस नागू ने संकेत दिया कि अदालत इस मामले पर जल्द फैसला सुनाएगी।

…तो पैदल चलने वालों का क्या होगा :

कोर्ट ने प्रशासन से सतत विकास के सिद्धांत पर अपने तर्क स्पष्ट करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि फ्लाईओवर बना दोगे तो पैदल चलने वालों का क्या होगा ? फ्लाईओवर बनाकर आप उनकी समस्या का समाधान कैसे करेंगे ? अदालत को बताया गया कि चंडीगढ़ मास्टर प्लान में किसी भी फ्लाईओवर की अनुशंसा नहीं की गई है, क्योंकि इससे शहर का दृश्य परिदृश्य बिगड़ सकता है और पैदल यात्रियों को कठिनाई होगी।

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