गलती किसकी, इंसान या फिर जानवार!
कभी टाइगर, भेड़िये पहुंच जाते हैं इंसानों की बस्ती में तो कभी इंसान पहुंच रहे हैं वन्य जीवों की आबादी के बीच
शबी हैदर
लखनऊ 25 अगस्त । इंसानों और वन्य जीवों के बीच तेजी से खराब हो रहे हैं रिश्तों को ठीक करने के लिए मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, उत्तर प्रदेश सरकार डॉ अरुण सक्सेना ने पहल की है। उन्हों गूगल मैपिंग और दूसरी तकनीक का भरपूर इस्तेमाल अपने विभाग में करने की ठानी है। उनके द्वारा शुरू की गयी पहल के क्रांतीकारी परिणाम भी सामने आने लगे हैं। पिछले 8 महीनों में उत्तर प्रदेश में कम से कम 27 तेंदूए, तीन बाघ और तीन भेड़ियों को रेस्क्यू किया जा चुका है। यही नहीं उन्होंने 156 लाख रूपये का विभागीय बजट भी उन लोगों के लिए आंवटित करा रखा है जिनका जीव और इंसानों के बीच संघर्ष में नुकसान होता है।
यह एक बड़ी पहल है। आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है। और यही इंसानों और जानवरों के बीच ज्यादा संघर्ष देखने केा मिलता है। इंसानों ने वन्य जीवों के क्षेत्र में जाकर उनकी जमीनों पर कब्जे कर फसले उगाना शुरू कि। वन्य जीव एकसपर्ट वीपी सिंह कहते हैं कि बस यही से इंसानों और जीवों के बीच संघर्ष शुरू हुआ। लखीमपुर खीरी, बहराईच, कर्तिनया घाट जैसे इलाकों से प्रत्येक वर्ष बाघ और इंसान के संघर्ष की नई गाथा सुनाई देती है। कभी इंसान मारे जाते हैं तो कभी बाघ। ऐसा न हो या फिर कम हो इसके लिए मंत्री अरूण सक्सेना बाकायदा रोडमैप तैयार किया है और एक्सपर्ट की एक टीम बनाई है।
किसान यूनियन के साथ बातचीत
किसान यूनियन सिर्फ हरी टोपी पहन का धरना प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी का ही निर्वाहन नहीं करता। बल्कि यूपी सरकार की पहल पर वह किसानों को खेतों मे काम करने के तौर तरीके और बाघ और भेड़िये जैसे जानवरों से बचने के तौर तरीके भी सिखा रहा है। सरकार की अपील है कि किसान अकेले खेतों में जाने से बचे। यही नहीं सरकार सोशल मीडिया की मार्फत भी लोगों को जागरूक करने का काम करने जा रही है।
बिजनौर में गुलदारों का आतंक
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी शहर बिजनौर में गुलदारों का आतंक है। वहां गन्ने की फसल बोई जाती है। यूपी सरकार की एक स्टडी के मुताबिक गन्ने के खेतों में गुलदारों ने अपनी टैरेटेरी बना रखी है और अक्सर गुलदार खेत में काम कर रही महिला कृषक और पुरूष कृषक पर हमला कर देते हैं। यूपी सरकार ने इस दिशा में केन्द्र सरकार को चिटठी लिख कर एक कार्ययोजना बना कर किसानों को गुलदारों के आतंक से मुक्ति दिलाने की बात कही है।
सीएसआर के जरिये होंगे काम
मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, उत्तर प्रदेश सरकार डॉ अरुण सक्सेना ने कहा है कि कंपनी सोशल रिंस्पांसबिल्टी सीएसआर के जरिये यूपी के उन संवदेनशील गावो में एलईडी फैंसिग प्रस्तावित है जो भंयकर जंगलों से सटे हैं और जहां खतरा सबसे ज्यादा है। इनमें पीलीभीत टाइगर्र रिजर्व के 40 गांव, दुधवा टाइगर रिजर्व के 60 गांव, अमानगढ़ टाइकर रिजर्व के 20 गांव और रानीपुर टाइगर रिवर्ज के 20 गांव शामिल किये गये हैं।