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आखिर कैसे बनती है शरीर में पथरी? जानें शुरुआती संकेत व बचाव के तरीके

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लुधियाना/यूटर्न/28 नवंबर: पथरी होना एक कॉमन क्रोनिक बीमारी है, जो धीरे-धीरे शुरू होकर बढ़ती रहती है और गंभीर रूप ले लेती है। स्टोन की बात आती है, तो अक्सर लोग किडनी के बारे में सोचते हैं क्योंकि अधिकांश लोगों को यह लगता है कि स्टोन सिर्फ किडनी में ही बनते हैं, लेकिन यह सही नहीं है। शरीर में और भी अंगों में स्टोन बन सकते हैं। स्टोन होने की बात तो ठीक है लेकिन शरीर में स्टोन यानी पथरी बनने के कारण क्या होते हैं? कैसे शरीर के अंदर बनने लगते हैं पत्थर? आइए जानते हैं इसका कारण।
स्टोन कहां-कहां बनते हैं?
सबसे पहले तो, इस बारे में जान लेते हैं कि शरीर में स्टोन किन अंगों में बनते हैं। पथरी की बात करें, तो किडनी के अलावा गॉलब्लैडर, गले में, जिसे टॉन्सिल स्टोन कहते हैं और मूत्राशय में पथरी बनती है।
कैसे बन जाते हैं स्टोन?
सबसे पहले जानते हैं किडनी स्टोन के बारे में। इसके बनने के कारण हो सकते हैं, जिनमें आनुवांशिक या फैमिली हिस्ट्री, मोटापा, डायबिटीज, शरीर में पानी की कमी, जंक फूड्स का सेवन, डायरिया और यूटीआई की समस्याएं शामिल हैं। किडनी में स्टोन बनने का एक कारण शरीर में कैल्शियम का ज्यादा बनना भी है। टॉन्सिल स्टोन बनने की वजह, टॉन्सिल में इन्फेक्शन होना, खाने की चीजें, जो जल्दी मुंह में नहीं घुल पाती हैं, वह गले के स्टोन का कारण बनते हैं व मुंह के अंदर बैक्टीरिया बनना भी शामिल है।गॉलब्लैडर में स्टोन बनने की सबसे बड़ी वजह कोलेस्ट्रॉल है। पित्ताशय में केमिकल बनना भी स्टोन बनने का एक कारण है। कैल्शियम भी गॉलब्लैडर में स्टोन बनने की एक वजह है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि किडनी या पित्ताशय में पथरी बनने पर कई बार कोई लक्षण भी नहीं दिखाई देता है। ऐसे में शरीर के अंदर ये स्टोन आंतों के रास्ते ब्लैडर तक पहुंचते हैं और ब्लॉकेज पैदा करते हैं, जिससे सूजन और संक्रमण की समस्याएं बढ़ती हैं। बीबीसी की वेबसाइट पर शेयर एक वीडियो के अनुसार, पथरी अगर थोड़ी बड़ी होती है, तो शरीर के अन्य अंगों से जुडऩे वाली पाइप्स से भी इंटरकनेक्ट हो जाती है, जिससे जोखिम भी बढ़ जाते हैं। जब स्टोन्स शरीर के अन्य अंगों से जुडक़र किसी एक जगह इक_े हो जाते हैं, तो यह कई प्रकार की अन्य समस्याएं भी पैदा करते हैं। ब्लॉकेज से पाचन क्रिया प्रभावित होती है। स्टोन्स से लिवर में सूजन हो सकती है। यदि इन्फेक्शन खून तक फैल जाए, तो पीलिया हो सकता है। वहीं, अगर शरीर में पत्थरी फंस जाए, तो मरीज की जान भी जा सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, भारत ऐसा देश है जहां अन्य देशों की तुलना में गॉलब्लैडर स्टोन की समस्या सबसे ज्यादा पाई जाती है।
क्या है एक्सपर्ट की राय?
स्टोन्स की समस्या से बचाव के लिए यदि आपको पेट में अचानक रोजाना कोई दर्द महसूस हो रहा है, तो एक बार डॉक्टर से जरूर चेक करवाएं। इसके अलावा, संतुलित आहार खाना, शारीरिक रूप से एक्टिव रहना, नियमित जांच और फैट फूड्स का सेवन नियंत्रित करना चाहिए।
शुरुआती संकेत
पेट में दर्द होना।
बुखार आना।
जी मिचलाना।
पेशाब की आदतों में बदलाव।
पेशाब के रंग में बदलाव।
पेट के दाहिने हिस्से में दर्द उठना गॉलब्लैडर स्टोन का संकेत है।
पीलिया भी गॉलब्लैडर स्टोन का एक संकेत है।
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