लुधियाना 28 मार्च। शुरुआत छोटी, सपने बड़े!
सिर्फ दो साल पहले, लुधियाना के एक छोटे से स्टार्टअप ने अपनी पहचान बनाने की कोशिश शुरू की। किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह कंपनी इतनी तेजी से आगे बढ़ेगी। लेकिन फ्रेशलीफ ने चाय के पारंपरिक बाजार में एक नई लहर पैदा कर दी। हर बड़ी कामयाबी एक छोटे कदम से ही शुरू होती है, लेकिन के सफर मे यह पहला कदम ही उद्योग मे बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हुआ।
2022 में शुरू हुई इस प्रीमियम टी ब्रांड ने अगस्त 2024 तक ₹10.2 करोड़ का सालाना रेवेन्यू (एरर) हासिल कर लिया, और वो भी मुनाफे के साथ (एबिट्डा पॉजिटिव)। लेकिन सिर्फ अच्छा रेवेन्यू कमाना ही काफ़ी नहीं होता, असली चुनौती होती है इसे बनाए रखना और आगे बढ़ाना। फ्रेशलीफ ने यह साबित किया कि एक छोटे शहर के स्टार्टअप भी बड़े बाजारों में अपनी पहचान बना सकते है।
छोटे शहर से बड़े बाजारों तक का सफर
फ्रेशलीफ ने महज दो साल में 600+ स्टोर्स और 40+ शहरों में अपनी जगह बना ली है। सिर्फ भारत ही नहीं, अब यह यूएई जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी कदम रखने जा रहा है। लेकिन सिर्फ ऑफलाइन स्टोर्स में मौजूदगी से ब्रांड ज्यादा दूर तक नहीं पहुंच सकता था। फ्रेशलीफ ने इस बात को समझा और डिजिटल स्पेस में भी अपनी जगह बनाने की तैयारी शुरू कर दी। बाजार में टिके रहने के लिए सिर्फ ऑफलाइन बिक्री काफी नहीं थी। फ्रेशलीफ ने ई-कॉमर्स की दुनिया में भी अपनी मजबूत पकड़ बना ली है और अब यह अमेज़न, करेड, टाटा 1एमजी, फ्लिपकार्ट, काइंडलाइफ, सम्यत्तेन और ह्युगालाइफ जैसे छह बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है । ऑनलाइन बिक्री ने फ्रेशलीफ को और तेज़ी से आगे बढ़ने का मौका दिया, लेकिन असली पहचान तब बनी जब इसने अपने प्रोडक्ट्स को बाकी ब्रांड्स से अलग करने पर ध्यान दिया। तो चलिए जानते है की –
क्या बनाता है फ्रेशलीफ को बाकियो से खास ?
भारत में चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि संस्कृति है। लेकिन फ्रेशलीफ ने इसे स्वास्थ्य और स्वाद का अनोखा संगम बना दिया। इसके 20 अनोखे फ्लेवर्स न सिर्फ पारंपरिक चाय का मज़ा देते हैं, बल्कि उनमें विटामिन्स, इलेक्ट्रोलाइट्स और हेल्थ बूस्टिंग एलिमेंट्स भी शामिल हैं। आज के हेल्थ-कॉन्शियस उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए, फ्रेशलीफ चाय को एक नए अवतार में पेश कर रहा है, जो सिर्फ ताजगी ही नहीं, बल्कि सेहत का वादा भी करता है। लेकिन किसी भी ब्रांड की असली ताकत उसके पीछे खड़े लोगों की सोच होती है। फ्रेशलीफ को इस ऊंचाई तक पहुंचाने में इसके फाउंडर्स की मेहनत और दूरदृष्टि का बड़ा हाथ रहा।
फ्रेशलीफ के विजन ने बदली चाय की परिभाषा
हर कामयाब ब्रांड के पीछे कुछ ऐसे लोग होते हैं, जिनकी सोच उसे खास बनाती है। फ्रेशलीफ के पीछे भी दो विज़नरी माइंड्स हैं
बलकीरत सिंह (को-फाउंडर, सीईओ):– चार्टर्ड अकाउंटेंट और फाइनेंस एक्सपर्ट, जिन्होंने फ्रेशलीफ को एक सुनियोजित और लाभदायक कंपनी बनाने में अहम भूमिका निभाई।
मुनीत अरोड़ा (को-फाउंडर, सीएमओ) :– प्रोडक्ट और मार्केटिंग की एक्सपर्ट, जिन्होंने फ्रेशलीफ को एक यंग और ट्रेंडी ब्रांड के रूप में स्थापित किया।
इन दोनों की जोड़ी ने फ्रेशलीफ को एक ब्रांड से ज्यादा एक मजबूत बिजनेस मॉडल में बदल दिया। लेकिन यह सफर यहां खत्म नहीं हुआ, बल्कि अब यह ब्रांड और ऊंची छलांग लगाने को तैयार है।
फ्रेशलीफ का अगला कदम और एक ऊंची छलांग!
भारत का टी मार्केट सालाना 3.18% की दर से बढ़ रहा है और 2032 तक यह ₹12,277 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं, ग्लोबल टी इंडस्ट्री भी 7.09% की सालाना ग्रोथ के साथ दोगुनी होने की ओर बढ़ रही है।
इतने बड़े बाजार में फ्रेशलीफ के लिए नए मौके तो हैं ही, लेकिन प्रतिस्पर्धा भी उतनी ही तेज़ है। अब अगला कदम है इस बढ़ते बाजार में अपनी अलग पहचान बनाए रखना। फ्रेशलीफ अब सिर्फ भारतीय बाजार तक सीमित नहीं रहना चाहता। इसका अगला लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय विस्तार और नए प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग है, जिससे यह दुनिया भर के चाय प्रेमियों के लिए पसंदीदा ब्रांड बन सके।
फ्रेशलीफ सिर्फ एक चाय नहीं, बल्कि एक सफर!
फ्रेशलीफ की कहानी सिर्फ एक ब्रांड की सफलता की कहानी नहीं है। यह उन हर छोटे बिज़नेस के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़ा सोचने और बड़ा करने का हौसला रखते हैं। लुधियाना के एक छोटे से स्टार्टअप से लेकर ₹10 करोड़ के कारोबार तक का यह सफर यह साबित करता है कि अगर विजन साफ हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।
फ्रेशलीफ की यह कहानी सिर्फ बीते दो सालों की नहीं, बल्कि आने वाले सालों की तैयारी भी है। यह सफर अभी जारी है, और चाय के नए मायने गढ़ने का सपना अब और भी बड़ा होने वाला है!
——कीर्ति मिश्रा