होशियार : अगर आपको उत्तराखंड जाना है, तो संभलकर जाएं, चारों धाम की यात्रा भी रोकी

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उत्तरकाशी में बादल फटने से डूबे कई लोग, खतरे के निशान से ऊपर अलकनंदा नदी

नई दिल्ली, 29 जून। उत्तराखंड में एक बार फिर कुदरत का कहर देखने को मिला। उत्तरकाशी जिले के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर बलिगढ़ में शनिवार रात को बादल फटने से भारी तबाही मची। ऐसे में चारों धाम की यात्रा के मार्ग पर भी संकट बना है। लिहाजा यात्रा को भी रोक दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक एक निर्माणाधीन होटल साइट को व्यापक नुकसान पहुंचा है। इस घटना में 8-9 मजदूरों के लापता होने की खबर है। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में शनिवार रात से मूसलाधार वर्षा चल रही है। उत्तरकाशी जनपद में बादल फटने से एक होटल के निर्माण कार्य में लगे नौ मजदूर लापता हैं, वहीं यमुनोत्री हाइवे 10 मीटर वॉशआउट हुआ है।
इधर, रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद में स्थित बद्रीनाथ और केदारनाथ क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। दोनों जनपदों में पुलिस नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने की अपील कर रही है। साथ ही तीर्थ यात्रियों व अन्य लोगों को नदी किनारे जाने से भी रोकने की अपील की गई है। चमोली जिले में वर्षा से कई जगह हाइवे पर मलबा और भूस्खलन आने से मार्ग बाधित हुए हैं। मलबा आने से कमेडा नंदप्रयाग में हाइवे बंद है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थान पालीगाड़ से करीब 4-5 किमी आगे सिलाई बैंड के पास भूस्खलन से 9 मजदूरों के लापता होने की सूचना है। राहत एवं खोज बचाव का कार्य जारी है। दरअसल श्रमिकों का टैंट भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिसमें 19 लोग थे। इनमें से दस को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है।
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