चंडीगढ़ 20 जनवरी। ईडी की और से हजारों करोडों के घोटाले व मनी लॉडिंग के आरोप व्यूनाओ मार्केटिंग सर्विसेज के प्रमोटर व सीईओ सुखविंदर सिंह खरौड़ को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से कोई राहत नहीं मिली है। सीनियर एडवोकेट स्टीवन सोनी के अनुसार व्यूनाओ के सीईओ सुखविंदर खरौड़ की तरफ से दो याचिका दायर की गई थी। जिसमें उन्हें जमानत देने और ईडी द्वारा उनके फ्रीज किए खातों को अनफ्रिज करने की अपील की गई। इन याचिकाओं पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान व्यूनाओ के खातों को अनफ्रीज करने में कोई राहत नहीं दी और न ही खरौड़ को जमानत मिल सकी है। इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि व्यूनाओ में भोले भाले लोगों द्वारा अपना पैसा इन्वेस्ट किया गया था। जबकि खरौड़ को ईडी द्वारा की जा रही जांच में सहयोग करने की सलाह दी गई है।
अकेले पंजाब में ही 2 हजार करोड़ इन्वेस्ट हुए
जानकारी के अनुसार व्यूनाओ द्वारा पहले डाटा सेंटर कंपनी थी। लेकिन इस डाटा सेंटर कंपनी के साथ साथ मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी चलाई जा रही थी। कंपनी के प्रमोटरों की और से लोगों को ज्यादा ब्याज दर देने का लालच देकर इन्वेस्टमेंट करवाई गई। जिसके चलते 15 हजार से भी अधिक इन्वेस्टरों द्वारा पैसा इन्वेस्ट किया। जिसमें सिर्फ पंजाब में ही 2 हजार करोड़ रूपए इन्वेस्टरों से लिए गए थे, जिसमें से 500 से 600 करोड़ लुधियाना के है। लेकिन जब ईडी द्वारा मामले की जांच की गई तो केस मनी लॉड्रिंग का निकला। जिसके बाद ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पंजाब के मोहाली और उत्तरप्रदेश के नोएडा में पांच स्थानों पर की गई तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और रिकॉर्ड बरामद कर जब्त किए थे।
धोखे से इन्वेस्टर्स से लिया था पैसा
ईडी की जांच में पता चला कि व्यूनाओ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड ने व्यूनो इन्फोटेक
प्राइवेट लिमिटेड, जेबाइट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेबाइट रेंटल प्लैनेट प्राइवेट लिमिटेड जैसी अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर विभिन्न निवेशकों को क्लाउड पार्टिकल्स बेचने और उन पार्टिकल्स को पट्टे पर देने की आड़ में अपना पैसा निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
लुधियाना के इन्वेस्टर्स की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
लुधियाना के कई इन्वेस्टर्स ऐसे हैं, जो शुरुआत से कंपनी के साथ जुड़े हैं। उनकी और से अपने साथ साथ लोगों का पैसा भी इसमें इन्वेस्ट किया गया था। बेशक उनके खुद के पैसे तो पूरे हो चुके हैं, लेकिन लोगों द्वारा इन्वेस्ट करवाए पैसे फंस चुके हैं। जिसके चलते लोग उनसे अपनी पेमेंट की रिफंडिंग मांग रहे हैं। आने वाले दिनों में ऐसे इन्वेस्टर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कोठियां गिरवी रख और कारोबार छोड़ किया इन्वेस्ट
लुधियाना के एक इन्वेस्टर ने बताया कि यह कंपनी पिछले 4-5 साल से लोगों से पैसे उठा रही है। इसमें इन्वेस्ट करवाने वाले को 7 प्रतिशत कमिशन तो इन्वेस्टर को 4 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसा वापिस करने की शर्त है। कई लोगों की कोठियां गिरवी पड़ी है, कई लोगों ने अपना काम छोड़ कर अन्य लोगों से कंपनी में इन्वेस्ट करवाना शुरू कर दिया था। तांकि उनको 7 फीसदी कमिशन मिल सके।
इन्वेस्टर्स को मिलेगा रिलीफ
सीनियर एडवोकेट परोपकार सिंह घुम्मन ने कहा कि मान्नीय हाईकोर्ट का यह फैसला सराहनीय है। हाईकोर्ट द्वारा इन्वेस्टर्स को एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी यानि कि ईडी के पास अपनी याचिका लगाने के ऑर्डर दिए हैं। एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी द्वारा ही इन्वेस्टर्स द्वारा इन्वेस्ट की गई मनी संबंधी फैसला लिया जाएगा। यह ऑर्डर इन्वेस्टर्स के लिए काफी रिलीफ साबित होंगे।