श्री आनंदपुर साहिब में रंगों के साथ होला महल्ला उत्सव मनाया, गुरु की लाडली फौज ने दिखाया युद्ध कौशल

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पंजाब 16 मार्च। श्री आनंदपुर साहिब में 13 से 15 मार्च तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय होला महल्ला का शनिवार को आखिरी दिन रहा। यह आयोजन सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचे। मेले की शुरुआत तख्त श्री केसगढ़ साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब से हुई थी और आज के दिन भोग डाला गया। दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना के बाद वर्ष 1757 में होली के अगले दिन होला महल्ला उत्सव की परंपरा शुरू की थी। इस आयोजन का उद्देश्य सिख फौज के युद्ध कौशल को परखना और निखारना था। आनंदपुर साहिब के होलगढ़ नामक स्थान पर गुरु महाराज ने इसकी परंपरा शुरू की, जिसमें निहंग सिंह अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हैं।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़

गुरुनगरी आनंदपुर साहिब में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, किला आनंदगढ़ साहिब, फतेहगढ़ साहिब, लोहगढ़, माता जीतो जी गुरुद्वारा और भाई जैता जी गुरुद्वारा समेत पूरे क्षेत्र में संगत उमड़ी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एसजीपीसी ने जगह-जगह पेयजल, लंगर, डिस्पेंसरी और जोड़ा घर की व्यवस्था की।

रात में जगमगाया श्री आनंदपुर साहिब

रात में श्री आनंदपुर साहिब का नजारा अद्भुत होता है। तख्त श्री केसगढ़ साहिब को सुंदर लाइटों से सजाया गया। सड़कों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। होला महल्ला उत्सव धार्मिक आस्था, साहस और परंपरा का अद्भुत संगम है।

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