पंजाब सरकार ने बागवानी (ग्रुप-ए) सेवा नियम, 2015 में किया संशोधन
चंडीगढ़, 11 जुलाई: प्रशासनिक सुधारों और राज्य में बागवानी क्षेत्र को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पंजाब बागवानी (ग्रुप-ए) सेवा नियम, 2015 में संशोधन के लिए एक गजट अधिसूचना जारी की है। यह आवश्यक सुधार बागवानी मंत्री श्री मोहिंदर भगत के नेतृत्व में सुझाया गया, जो लंबे समय से बागवानी क्षेत्र के अधिकारियों के लिए बेहतर सेवा शर्तों की पैरवी करते आ रहे हैं।
इस अधिसूचना की सराहना करते हुए बागवानी मंत्री श्री मोहिंदर भगत ने कहा कि यह संशोधन हमारे अधिकारियों को अधिक सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने आगे कहा, “मैं इस संशोधन को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान का आभार प्रकट करता हूं। यह सेवा नियमों में किया गया सुधार बागवानी क्षेत्र में बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करेगा।”
उन्होंने बताया कि 2 जुलाई, 2025 की अधिसूचना संख्या GSR.106/संविधान/अनुच्छेद 309/संशोधन (3)/2025, दिनांक 2 जुलाई 2025 और 4 जुलाई 2025 को पंजाब सरकार के राजपत्र में प्रकाशित जानकारी के अनुसार, बागवानी विकास अधिकारियों और रेशम पालन विभाग के अधिकारियों के वेतनमानों को तर्कसंगत बनाने हेतु नियमों में संशोधन किया गया है। यह लंबे समय से प्रतीक्षित संरचनात्मक सुधार सेवा नियमों में विशेषकर सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के अंतर्गत वेतनमानों को लागू करने संबंधी मामलों में एकरूपता और स्पष्टता लाएगा।
उन्होंने बताया कि यह संशोधन बागवानी कैडर के कई क्षेत्रों को कवर करता है, जिनमें संरक्षित खेती, जैव-प्रौद्योगिकी, मधुमक्खी पालन, विपणन सूचना, एयरोपोनिक्स, नर्सरी उत्पादन, नींबू उत्पादन व प्रशिक्षण, कटाई के बाद प्रबंधन, मशरूम, कीट विज्ञान, रोगविज्ञान, मृदा व रेशम कीट पालन शामिल हैं। यह संशोधन 17 जुलाई 2020 या इसके बाद नियुक्त किए गए अधिकारियों के वेतनमानों में समानता लाएगा।
श्री भगत ने आगे कहा कि पंजाब में बागवानी के माध्यम से फसलों में विविधता की दिशा में तीव्र गति से कार्य हो रहा है। किसानों को सहायता देने और प्रणाली में नवाचार लाने के लिए एक मजबूत कैडर का होना अत्यंत आवश्यक है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (कृषि-4 शाखा) द्वारा जारी यह अधिसूचना पदोन्नतियों और वेतनमानों के लागू होने के दिशा-निर्देश तय करने के साथ-साथ सेवा शर्तों में दीर्घकालिक स्पष्टता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।