विजिलेंस मजीठिया को लेकर पहुंची हिमाचल, 4 लोगों की स्टेटमेंट से मिले अहम सुराग, बिट्टू औलख-जगजीत चहल ने दर्ज करवाए बयान

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पंजाब 30 जून। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार किए गए शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर शिकंजा कस दिया है। अब तक उनके खिलाफ पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय से लेकर पूर्व पीए तलबीर सिंह गिल अपने बयान विजिलेंस को दर्ज करवा चुके हैं। वहीं, आज विजिलेंस मजीठिया को लेकर हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास लेकर गई । मशोबरा एरिया में टीम उनको लेकर गई थी। दूसरी तरफ मनजिंदर सिंह बिट्टू औलख व जगजीत सिंह चहल आज अपनी स्टेटमेंट दर्ज करवाने पहुंचे हुए हैं। करीब दो घंटे से अपनी स्टेटमेंट दर्ज करवा रहे हैं। इन दोनों पर ड्रग तस्करी व मजीठिया के करीब होने के आरोप लगे है। विजिलेंस का दावा है कि गवाहों के बयानों से कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं, जो कि इस केस में अहम भूमिका निभा सकती हैं। सोमवार को उन्हें अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर तस्दीक कराई जाएगी। दो जुलाई को अदालत में इस मामले की पेशी है।

विजिलेंस ने अब तक चार लोगों के बयान दर्ज किए

विजिलेंस की और से अब तक पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय समेत चार लोगों के बयान दर्ज किए हैं। पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने ही मजीठिया पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 2021 में कांग्रेस सरकार के समय एनडीपीएस केस दर्ज किया गया था। वहीं निरंजन सिंह ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर हैं। जिन्होंने पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज 6000 करोड़ के ड्रग तस्करी के बाद आरोपियों पर मनी लांडरिंग केस दर्ज किया था। उन्होंने भोला समेत करीब 41 लोगों से पूछताछ की थी। वह बताते हैं कि भोला ने उनके सामने मजीठिया का नाम लिया था। 2013 में उन्होंने जांच शुरू की थी। इसके अलावा बोनी अजनाला और तलबीर के बयान दर्ज किए हैं।

बोनी अजनाला सीधे तौर पर लगा चुके आरोप

बोनी अजनाला भी मजीठिया के खास रहे है। सबसे पहले उन्होंने मजीठिया के खिलाफ बगावत की थी। उन्होंने उस समय तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल को इस बारे में पत्र भी लिखा है। वह साफ कहते हैं कि जिन सत्ता और पिंदी को नशा तस्कर कहा जा रहा है। उन्हें मजीठिया ने अपने घर पर जिगरी यार कहकर उनसे मिलवाया था। 2013 से वह इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। मजीठिया के पूर्व पीए तलबीर भी काफी अहम माना जा रहा है। उसे उनके कार्यालय से जुड़ी हर चीज पता थी। उन्होंने भी अपनी स्टेटमेंट रिकॉर्ड करवा दी है। वह भी अब मजीठिया से अलग हो गया है।

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