हिमांचल प्रदेश रात में परिवार पर मौत बन गिरा मलबा, सुबह पांच लाशें देख हर कोई सहम उठा

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10 सितम्बर- कुल्लू जिले के निरमंड के शमारनी गांव में सोमवार देर रात करीब 1:30 बजे पहाड़ी से भूस्खलन का मलबा एक घर पर मौत बनकर गिरा। मलबे ने गांव के शिवराम के घर की छत उखाड़ दी। इस मलबे ने घर के अंदर सो रहे परिवार के पांच सदस्यों को मौत की नींद सुला दिया। हादसा इतना भयानक था कि पांचों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। घाटू पंचायत के शमारनी गांव का यह हादसा पूरे इलाके को गमगीन कर गया है। एक ही परिवार के पांच सदस्यों की असमय मौत ने गांव में मातम का माहौल बना दिया है। गांव में एक साथ पांच चिताएं जलीं। शिवराम ने इस हादसे में पत्नी, बेटा, बहू और मासूम पोते-पोती को खो दिया है। घाटू पंचायत के प्रधान भोगा राम ने बताया कि उन्हें घटना की सूचना रात को ही तुरंत दे दी गई थी। वह बिना वक्त गंवाए मौके पर पहुंचे, तो नजारा भयावह था। लोग दबे थे और पहाड़ी से भूस्खलन का खतरा बना हुआ था। ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए बचाव कार्य शुरू किया और किसी तरह से आठ सदस्यों में से तीन को मौत के मुंह से बाहर निकाला, लेकिन जब मासूम बच्चों के निर्जीव शरीर मलबे से बाहर निकाले, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखों से आंसू छलक पड़े।अब गांव का हर घर उस परिवार की यादों से गूंज रहा है और लोग एक-दूसरे को ढांढस बंधाते हुए बस यही कह रहे हैं कि काश यह हादसा न हुआ होता। घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने मौके पर मलबे में दबे हुए पांचों लोगों को तलाशने का कार्य शुरू किया। जान की परवाह किए बगैर ग्रामीण लापता हुए परिवार के सदस्यों को ढूंढते रहे। इससे पहले बारिश के दौरान आनी क्षेत्र में ऐसा ही भूस्खलन हुआ था, जिसमें दो महिलाओं की मलबे में दबकर मौत हो गई थी। इस साल बरसात से क्षेत्र में भूस्खलन के कारण जानमाल को भारी नुकसान हुआ है।
सुबह साढ़े छह बजे मलबे में दबा पहला शव बरामद हुआ, जबकि इसके बाद कुछ देरी के बाद शव मिलते रहे और सुबह दस बजे तक कुल चार शवों को मलबे से निकाला जा चुका था। सुबह साढ़े दस बजे कोटला से एनडीआरएफ का दल मौके पर पहुंचा और मलबे में दबे आखिरी शव की तलाश शुरू की। सुबह 11:40 बजे मलबे से आखिरी शव निकाला गया। पांच शवों को देखकर हर कोई सहमा था।