हिमाचल में तबाही : शिमला में पेड़ गिरा, कई गाड़ियां मलबे-पेड़ों के नीचे दबीं

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कुल्लू में दो लाश मिलीं, सेना के हेलीकॉप्टर से राशन सप्लाई

शिमला, 5 सितंबर। मानसूनी कहर से हिमाचल प्रदेश में तबाही जारी है। आपदाग्रस्त कुल्लू जिला की सैंज घाटी में शुक्रवार को सेना के एम-17 हेलिकॉप्टर से राशन पहुंचाया गया।

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने खुद कुल्लू में तबाही देखने को हवाई सर्वेक्षण किया। वहीं, शिमला के शांकली में एक बड़ा पेड़ जड़ से उखड़ गया। इससे पार्किंग में खड़ी तीन-चार गाड़ियों को नुकसान हुआ। हालांकि बीते 24 घंटे में बारिश में कमी के बाद तबाही मचाने वाली ब्यास, रावी और सतलुज नदी का जल स्तर कम होने लगा है। इससे इन नदियों पर बने बांधों का जल स्तर डेंजर लेवल से नीचे आ रहा है।

मलबे से मिली लाशें, चार अभी लापता :

कुल्लू के अखाड़ा बाजार में कल दो बिल्डिंग गिरने से मलबे में दबे दो लोगों के शव आज बरामद किए गए। इनमें एक महिला और दूसरा पुरुष का है। चार लोग कल अभी भी लापता हैं। इनकी तलाश में एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने सर्च ऑपरेशन चला रखा है।

मणिमहेश से आकर फंसे श्रद्धालु हैलिकॉप्टर से भेजे :

भरमौर में फंसे 150 मणिमहेश श्रद्धालुओं को आज वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से चंबा लाया गया। यहां से दूसरे प्रदेशों के श्रद्धालुओं को सरकारी बसों में पठानकोट भेजा गया।

हिमाचल के ताजा हालात :

राज्य में भारी बारिश से तबाही हुई है। इसे देखते हुए सरकार ने हिमाचल को आपदाग्रस्त राज्य घोषित कर रखा है। मंडी, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा और शिमला में ज्यादा नुकसान हुआ है। चंबा- जिला में 24 से 26 अगस्त की भारी बारिश ने खूब तबाही मचाई है। जिलs के 40 प्रतिशत गांव में 10 दिन बाद भी बिजली बहाल नहीं हो पाई। 80 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों का सड़कें बंद होने से शेष दुनिया से संपर्क कटा हुआ है। कुल्लू जिले में भी चंबा जैसे हालात है। जिला की 90 प्रतिशत सड़कें बंद पड़ी है। इससे ज्यादातर क्षेत्रों के लोग जिला मुख्यालय तक भी नहीं पहुंच पा रहे। कुल्लू की अपर वेली, मनाली विधानसभा, आनी, सैंज बंजार में सात-आठ दिन से बिजली भी बहाल नहीं है। कुल्लू में 999 बिजली के ट्रांसफॉर्मर और 230 सड़कें बंद पड़ी हैं। मंडी जिले में हालात सामान्य नहीं हो पाए। यहां भी 280 बिजली के ट्रांसफॉर्मर और 280 सड़कें अवरुद्ध है। भारी बारिश से मंडी जिला में सबसे ज्यादा 1686 घरों को नुकसान हुआ है।

शिमला में 261 सड़कें बंद होने से करोड़ों रुपए का सेब गोदाम, मंडियों व ट्रकों में खराब होने का डर सता रहा है। कांगड़ा जिले में भी इस मानसून सीजन में 819 घरों को नुकसान हुआ है। इंदौरा और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा लोग पौंग डैम के पानी से विस्थापित हुए हैं। इन दोनों विधानसभा के किसानों की फसलें और जमीन 10 दिन से पानी में डूबी हुई हैं।

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