गुजरात में हाईवे डूबा, गरबा पंडाल ढहे:महाराष्ट्र के 3 हजार+ गांव डूबे, बारिश-बाढ़ से 104 मौतें

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30 सितम्बर-
गुजरात में बुधवार को कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। इससे वलसाड और नवसारी जिलों में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। द्वारका में कल्याणपुर को पोरबंदर से जोड़ने वाला स्टेट हाईवे डूब गया। कल्याणपुर के पास एक कार पानी में बह गई। वडोदरा में गरबा पंडाल ढह गए।
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में 3,050 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। 1 जून से 29 सितंबर तक बारिश-बाढ़ के कारण 104 लोगों की मौत हो गई है। नांदेड़ में सबसे ज्यादा 28 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा संभाजीनगर, बीड, हिंगोली, जालना, धाराशिव, परभणी और लातूर में लोगों की जान गई। मराठवाड़ा की 2,701 किलोमीटर सड़कें टूट गईं और 1,504 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1,064 स्कूल, 352 केंद्र और 58 सरकारी बिल्डिंग खराब हुईं। बारिश और बाढ़ को देखते हुए महाराष्ट्र बोर्ड ने 12वीं क्लास के एग्जाम फॉर्म भरने की तारीख 30 सितंबर से बढ़ाकर 20 अक्टूबर कर दी है। मौसम विभाग के मुताबिक, पूरे देश से मानसून की विदाई तय समय 15 अक्टूबर तक होने की संभावना है। पिछले साल भी मानसून 15 अक्टूबर को विदा हुआ था। देश में 1 जून से 30 सितंबर तक होने वाली बारिश मानसूनी मानी जाती है। इसके बाद भी छिटपुट बारिश जारी रहती है। मौसम विभाग ने मंगलवार से 5 अक्टूबर तक गुजरात में बारिश की संभावना जताई है। अगले 3 दिनों तक खासकर सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश की संभावना है।

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किसानों व जनता के हितों का ध्यान रखकर व एलडब्ल्यूएस सर्कल की परियोजनाओं में देरी के कारण जून, 2020 के आदेशों को किया गया रद्द – श्रुति चौधरी नहरी तंत्र को किया जा रहा है तर्कसंगत, हैड से टेल तक पानी का हो कुशल प्रबंधन मूल डिवीजनों को पूरा नियंत्रण वापस मिलने से दोहरी जिम्मेदारी होगी समाप्त, अधिकारियों की जवाबदेही होगी स्पष्ट नहरों की निगरानी, मरम्मत और नियमन मूल डिवीजनों के अधीन होने से अधिक सुचारु और प्रभावी होगा प्रबंधन

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