लुधियाना में बीजेपी ने दो, आप ने एक उम्मीदवार का नॉमिनेशन से कुछ घंटे पहले किया ऐलान
(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 12 दिसंबर। लुधियाना में नगर निगम चुनाव को लेकर हाई वोल्टेज पॉलिटिक्स चल रही है। इस बार शहर के निगम चुनाव में तो आया राम गया राम वालों की लाटरी लग गई। एक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में गए नेताओं को सजी धजी टिकट की थाली परोसी जा रही है। जबकि दूसरी तरफ वीरवार को नॉमिनेशन से ठीक कुछ घंटे पहले ही जिला भाजपा कमेटी की और से अपने दो उम्मीदवारों और आम आदमी पार्टी की और से अपने आखिरी पेडिंग चल रही सीट से उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया। बीजेपी की और से वॉर्ड 80 से गौरवजीत सिंह गोरा और वॉर्ड 90 से जतिंदरपाल सिंह बेदी के नाम का घोषणा की। वहीं आप द्वारा वॉर्ड 70 से कामराज बॉबी शर्मा को टिकट दी गई है। जबकि इसी वॉर्ड से सुशील थापर राजू टिकट के दावेदार थे। लेकिन उनकी टिकट काटते हुए नॉमिनेशन से कुछ समय पहले ही पार्टी द्वारा टिकट कामराज बॉबी शर्मा की झोली डाल दी गई। चर्चा है कि इसी लिए आप पार्टी द्वारा वॉर्ड 70 से बुधवार को नाम की घोषणा नहीं की थी, ताकि विरोध न हो और न ही कोई उनके खिलाफ आजाद तौर पर चुनाव लड़ सके। सत्ताधारी पार्टी की बात करें चाहें विपक्षी पार्टी के नेताओं की, लेकिन परिवारों को टिकट देने के अलावा उनकी करीबियों को टिकट देने में नहीं चली। बल्कि टिकट बंटवारे में मठाधीशों की जरुर चली है।
दोपहर तक बनाए रखा भ्रम, फिर दूसरे का नाम किया घोषित
आप द्वारा बुधवार को वॉर्ड 70 की टिकट छोड़कर बाकी सभी वॉर्ड से अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे। जिसके चलते चर्चा थी कि सुशील राजू थापर को यह टिकट मिलेगी। चर्चा है कि बुधवार देर रात तक लीडर विधायक के घर बैठे रहे। वीरवार दोपहर करीब तीन बजे तक भ्रम बनाए रखा और फिर वालंटियर कामराज बॉबी शर्मा का नाम घोषित कर दिया। बता दें कि सुशील राजू थापर लंबा समय कांग्रेस में रहे और पार्षद भी बने। पूर्व सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पत्नी महारानी परनीत कौर को वह बड़ी बहन मानते थे और राखी भी बनवाते थे। कैप्टन परिवार से उनकी बेहद नजदीकियां रही है। लेकिन आप सरकार बनने पर राजू थापर द्वारा कांग्रेस छोड़ झाड़ू थाम लिया गया। चर्चा है कि राजू थापर को निगम चुनाव में टिकट देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन मौके पर आकर टिकट दूसरे नेता को दे दी गई।
पहले पकड़ा झाड़ू, फिर कमल खिलाया, शाम को तकड़ी से मिली टिकट
लुधियाना की राजनीति में कई रोचक मामले भी सामने आ रहे हैं। एक नेता द्वारा पहले लंबे समय तक झाड़ू थामे रखा, यानी कि आम आदमी पार्टी में अपनी सेवाएं देते रहे। लेकिन टिकट न मिलती देख एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल होकर कमल खिलाया। लेकिन वहां से भी बात न बनती देख शाम होते होते अकाली दल में शामिल हो गए। जबकि पार्टी द्वारा उन्हें टिकट भी दे दी गई।
शहर में चर्चा राजनीति में भी बुकियों का बोलबाला
लुधियाना में हर किसी प्रमुख मौके पर बुकी किसी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ते। इस बार नगर निगम चुनाव क्या आए, इसमें भी अब बुकी एक्टिव हो गए। शहर में चर्चा है कि राजनीति में भी अब बुकियों का बोलबाला होना शुरु हो गया है। चर्चा है कि निगम चुनाव में बुकी भी अपना दम दिखाने में लगे हैं।
वेस्ट में राजनीति में अपनाई जा रही चाणक्य नीति
बता दें कि हलका वेस्ट की राजनीति में चाणक्य नीति अपनाई जा रही है। कांग्रेस से वॉर्ड 69 से नेता सनी भल्ला की पत्नी दीपिका सनी भल्ला चुनाव लड़ रही है। सनी भल्ला को जनता लीडर कहा जाता है, जबकि वह मजबुत उम्मीदवार भी है। जिसके चलते उनके किले में सेध लगाने को बीजेपी की और से माला ढांडा को चुनाव मैदान में उतारा गया है। माला ढांडा ऐसी उम्मीदवार है, जिनकी और से सीधा सनी भल्ला के करीबी वोट को तोड़ सकती है। कांग्रेस विरोधी पक्ष जरुर है, लेकिन बाकी पार्टियों के मुकाबले इसे मजबुत माना जाता है। जिसके चलते लुधियाना के कई वॉर्डों में कांग्रेस में सेंध लगाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस की जो हॉट सीटें है, वहां मैन टू मैन टारगेटिंग की जा रही है।
की बन्नू लुधियाना दा….
शहर में चल रही चर्चाओं के मुताबिक नेताओं को फंडिंग करने वाले बुकी और कारोबारी की लाटरी लग गई है। इस बार तो शहर की राजनीति में अनोखा चमतकार देखने को मिला है। निगम चुनाव में कई ऐसे लोगों को टिकट मिल गई, जिन्हें घर के वोट पड़ना भी मुश्किल है। चर्चा है कि इन लोगों ने तो टीटू बाणिया और नीटू शटरां वाले को भी फेल कर दिया है।
चुनाव के समय आम और बाद में खास बन जाते हैं गोगी
वीरवार को हलका वेस्ट से विधायक गुरप्रीत गोगी अपनी पत्नी वॉर्ड 61 से उम्मीदवार डॉ. सुखचैन कौर बस्सी के नॉमिनेशन पेपर फाइल करने पहुंचे। इस दौरान वे घर से स्कूटर पर पत्नी संग निकले और नॉमिनेशन किया। हालांकि विधानसभा चुनाव में भी गोगी स्कूटर पर नॉमिनेशन करने पहुंचे थे। लेकिन जब जीते तो अपनी टू-सीटर कार में निगम ऑफिस गए थे। चर्चा है कि चुनाव के समय तो विधायक गोगी आम आदमी बन जाते हैं, लेकिन बाद में खास हो जाते हैं।