अंदर की बात : केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के पार्टी विधायकों को समझाया, सीएम मान ही आपके मुखिया
नई दिल्ली 11 फरवरी। राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार के बाद खासतौर पर पंजाब में सियासी-हलचल मची है। बीजेपी समेत पूरा विपक्ष यह माहौल बना रहा है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान को हटाकर आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल खुद उनकी कुर्सी पर काबिज होंगे। जबकि लगे हाथों पंजाब कांग्रेस ने दावा कर दिया कि आप के 35 विधायक पार्टी छोड़ने को तैयार हैं। उनमें से 30 विधायक उनके संपर्क में आ चुके हैं।
बताते हैं कि दिल्ली में हार के सदमे से पूरी तरह नहीं उबर पाई आप को विपक्ष के नए सियासी-हमलों ने चिंतित कर दिया। लिहाजा पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली स्थित कपूरथला हाउस में पंजाब के सभी विधायकों से मंगलवार को मीटिंग की। सूत्रों की मानें तो महज आधे घंटे चली इस मीटिंग में दोटूक यही मैसेज पंजाब से आए आप विधायकों को दिया गया कि वे विपक्षियों के झांसे में कतई ना आएं। सीएम भगवंत मान ही उनके मुखिया हैं और रहेंगे। केजरीवाल वहां सीएम बनने की साजिश कर रहे हैं, यह महज विपक्ष का प्रोपेगंडा है।
मीटिंग निपटी, जोश में दिखे मान :
यहां काबिलेजिक्र है कि मीटिंग में पंजाब के सीएम भगवंत मान दिल्ली में चुनाव हारे पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ मौजूद थे। इसके बाद मान अपने मंत्रियों-विधायकों की टीम के साथ मीडिया से रु-ब-रू हुए तो उनका पुराना जोश देखते ही बन रहा था। उनके हाव-भाव से यह साफ नजर आया कि अब उनकी कुर्सी खतरे में नहीं है। लिहाजा पंजाब के सीएम मान ने प्रेस कांफ्रेंस में पूरे भरोसे-जोश के साथ बातचीत की। सूत्रों की मानें तो कभी सीएम पद पर दावेदारी जताने वाले पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा भी पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल के ताजा फरमान के बाद बदले तेवरों में नजर आए।
लुधियाना के आप विधायक पराशर भी चहके :
मीटिंग से बाहर आए लुधियाना सेंट्रल से आप विधायक अशोक पराशर का जोश भी देखते बना। वह बोले कि पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल ने कहा है कि हमने दिल्ली में मजबूती से लड़ाई लड़ी है। पैसा, बेइमानी और गुंडागर्दी से कोई जीत भी गया तो अपने आप को कमजोर नहीं समझना है। हमें और मजबूत होकर अगला इलेक्शन लड़ने हैं। इससे पहले मीटिंग में सिर्फ उन्हीं लोगों को एंट्री दी गई, जिनके नाम गेट पर उपलब्ध लिस्ट में थे। यहां पहुंचे पंजाब के आप विधायकों ने यह तो कहा कि उन्हें मीटिंग का एजेंडा पता नहीं है। मगर, इतना तय है कि ना तो पंजाब में सीएम भगवंत मान को बदला जाएगा और ना ही कोई विधायक टूटेगा।
कांग्रेस-बीजेपी के दावों पर लगे सवालिया निशान :
दिल्ली में आप की हार के बाद पंजाब कांग्रेस ने यह दावा किया था कि केजरीवाल जल्द पंजाब के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इसका संकेत पंजाब आप के प्रधान अमन अरोड़ा के किसी हिंदू के भी पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बयान से मेल खाने की बात कही गई थी। गुरदासपुर से कांग्रेसी सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी कहा था कि आप ने पंजाब के विधायकों की बैठक इतनी जल्दी व घबराहट में बुलाई है। ऐसे में लगता है कि पंजाब में मध्यावधि चुनाव होंगे। दिल्ली में जो हुआ, वह पंजाब में भी हो सकता है। दिल्ली के बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी लगे हाथों दावा किया था कि केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं। वे दिखाना चाहते हैं कि भगवंत मान फेल हो गए हैं। दूसरी तरफ दिल्ली में पंजाब से पहुंचे आप विधायकों की मीटिंग के बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिसके दावे कांग्रेस और बीजेपी ने किए थे।
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